काहिरा : आईएनएस, इंडिया
मिस्र में उस वक़्त कोहराम मच गया, जब बारिश का पानी ग्रैंड म्यूजीयम के अंदर मौजूद रामेसेस दोम के मुजस्समे तक पहुंच गया। बारिश और मुजस्समे की वीडीयो जंगल में आग की तरह सोशल मीडीया पर फैल गई जिसके बाद सारे मिस्र से लोगों का जबरदस्त रद्द-ए-अमल देखने में आया।
मिस्र में उस वक़्त कोहराम मच गया, जब बारिश का पानी ग्रैंड म्यूजीयम के अंदर मौजूद रामेसेस दोम के मुजस्समे तक पहुंच गया। बारिश और मुजस्समे की वीडीयो जंगल में आग की तरह सोशल मीडीया पर फैल गई जिसके बाद सारे मिस्र से लोगों का जबरदस्त रद्द-ए-अमल देखने में आया।
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Tomb Of Ramesses Second |
सोशल मीडीया पर वीडीयो के बड़े पैमाने पर फैलने से लोगों में बड़ी उलझन पैदा हो गई। जिसके बाद हुक्काम ने मुदाखिलत करके सूरत-ए-हाल की वजाहत की। वसीअ पैमाने पर फैलने वाली वीडीयो में मगरिब (पूर्व) का अजीमुश्शान मिस्री अजाइब घर (म्यूजियम) दिखाया गया है। जिसके ग्रेट हाल के अंदर बादशाह रामेसेस दोम के मुजस्समे पर शदीद बारिश हो रही थी। हंगामा-आराई की वजह से ग्रैंड मिस्री म्यूजीयम और उसके आस-पास के इलाके के निगरान मेजर जनरल आतिफ मिफ़्ताह ने तसदीक की कि बादशाह रामेसेस सेकंड के मुजस्समे पर बारिश का गिरना मामूल की बात है और ऐसा पहली मर्तबा नहीं हो रहा।
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Ramesses Second |
उन्होंने मजीद कहा कि म्यूजीयम के डिजाइन के बाइस बारिश से मुजस्समे को कोई नुक़्सान नहीं पहुंचता। उन्होंने वजाहत करते हुए कहा कि म्यूजीयम के असल डिजाइन में ये इलाका इस तरह खुला है, जैसे मुजस्समा छतरी के नीचे हो। उन्होंने कहा कि मुजस्समे को बंद जगह पर रखना दुरुस्त नहीं है ताकि एयर कंडीशनिंग और इस जैसे दीगर मुआमलात मुतास्सिर ना हूँ। उन्होंने जोर देकर कहा कि रामेसेस दोम के मुजस्समे का मुकाम म्यूजीयम की इमारत और तिजारती इमारत के दरमयान एक इलाके में आता है। ये एक साया-दार इलाका है। वेंटीलेशन और बारिश का हिसाब भी लगाया गया है। यहां पानी की निकासी का मुनासिब इंतेजाम है। वाजेह रहे कि रामेसेस दोम का मुजस्समा पिछली 50 की दहाई से लेकर 2006 तक बकीया स्क्वायर में मौजूद रहा था। ये मुजस्समा ग्रेनाइट से बना होने की वजह से बारिश से मुतास्सिर नहीं होता। हालिया बारिशों के बाइस तिजारती इलाका भी मुतास्सिर नहीं हुआ क्योंकि ये इलाका मुकम्मल तौर पर ढाँका हुआ है।
कौन था रामेसेस सेकंड
रामेसेस सेकंड या रामेसेस अजीम (1213-1303 ईसा पूर्व) कदीम (प्राचीन) मिस्र की नई रियासत के उन्नीसवे खानदान का तीसरा फैरो था। रामेसेस अपनी जंगी पालिसियों और कई कामयाब फौजी मुहिम के लिए जाना जाता है। रामेसेस मिस्र को अपने उरूज तक ले गया था और कानन और नुबिया पर फतह हासिल कर उसे अपने कब्जे में कल लिया था।रामेसेस 14 साल की उम्र में मिस्र का वारिस और वली अहद बना और 66 साल तक तक हुकूमत करता रहा जो अब तक की सबसे लंबी हुकूमत है। अपने दौर की शुरुआत में उसने पी रामेसेस नाम का नगर बसाया और फिर उसे अपनी नई दारुल हुकूमत बनाई ताकि सीरिया पर हमला किया जा सके।
रामेसेस कदीम मिस्र का सबसे मकबूल और ताकतवर और सबसे आखिरी महान फैरो था। उसकी मौत के बाद मिस्र कमजोर पड़ गया। रामेसेस सेकंड के जवाल की वजह से लोग पिछले सभी महान फैरो जैसे सेती प्रथम और ठुतोमोस तृतीय की बहादुरी को भूल गए।