23 रमजान-उल मुबारक, 1444 हिजरी
सनीचर, 15 अपै्रल, 2023
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रियाद : आईएनएस, इंडिया मस्जिद नबवी सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम में एयर कंडीशनिंग का आला निजाम मौजूद है। इस निजाम का एक मर्कजी स्टेशन 70,000 मुरब्बा मीटर के रकबे पर मुहीत है और इसमें दुनिया का सबसे बड़ा वाटर कूलिंग कंडेंसर लगा हुआ है। ये मर्कजी स्टेशन मस्जिद नबवी सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम से सात किलोमीटर के फासले पर है।
ये निजाम कूलिंग को एडजस्ट करने के लिए इंतिहाई मूसिर तरीके से काम कर रहा है और मस्जिद के अंदर हवा को साफ करता है। इसके अलावा मस्जिद नबवी सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम में दर्जा हरारत को मुतवाजिन और बरकरार रखता है। रसूल अल्लाह सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम की मस्जिद में खासतौर पर गुम्बदों के खोलने और बंद करने के औकात में हवा की तजदीद और दर्जा हरारत का खुसूसी ध्यान रखा जाता है। इस मर्कजी स्टेशन में 6 कूलर हैं। हर कूलर की केपेसिटी 3400 टन है। पानी को ठंडा करने की डिग्री पाँच डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाती है। स्टेशन से मौसूल होने वाले पानी को दुरुस्त, मुस्तकिल और खुदकार तरीके से तकसीम करने के लिए जदीद तरीन तरीके और टेक्नोलोजी इस्तिमाल किए जाते हैं। 151 एयर ट्रीटमेंट, डिस्ट्रीब्यूशन और कूलिंग यूनिट्स मौजूद हैं। मस्जिद को मुंसलिक पाइपों के जरीये हवा से ठंडा किया जाता है। ठंडी हवा मस्जिद नबवी सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम के सतूनों के साथ लगी जालियों से खारिज होती है। मस्जिद से हवा को पाइपों के जरीया मर्कजी स्टेशन तक पहुंचाया जाता है। मस्जिद नबवी सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम के सेहनों में भी ठंडक पैदा करने का पूरा निजाम कायम है। इन सेहनों में पानी की फुवार वाले पंखे नसब किए गए हैं। ये ‘मिस्टिंग फैन’ नमाजियों के लिए गर्मी को कम करते हैं। मस्जिद नबवी सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम में 436 मिस्ट फैन लगाए गए हैं। पानी की फुवार वाले इन पंखों का नेटवर्क जरासीमकुश निजाम से मुंसलिक है। इसमें पानी के मेयार को यकीनी बनाया जाता है। ये पानी बैक्टीरिया से पाक होता है और आने वालों की हिफाजत को बरकरार रखता है।
टेक्नोलोजी ने उमरा अदा करना आसान कर दिया
रियाद : रमजान उल-मुबारक के मुकद्दस महीने में मस्जिद अल हरम में उमरा करने के लिए आने वाले अफराद ने अपने तास्सुरात (तजुर्बात, विचार) में इंतिजामात के हवाले से भरपूर इत्मीनान का इजहार किया है। जाइरीन और मात्मरीन (श्रद्धालुओं) ने कहा कि सऊदी अरब हर साल सहूलयात और निजाम को ज्यादा हम-आहंग बनाता आ रहा है। उमूमी सदारत बराए उमूर मस्जिद हराम-ओ-मस्जिद नबवी (सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम) की जानिब से आला तरीन मयार की बैन-उल-अकवामी सर्विस फराहम की जाती है जिसमें हरमैन शरीफैन में अकीदत से भरपूर माहौल में इबादात अदा करना मजीद रूह-परवर साबित हो जाता है। उमरा अदा करने वाले अब्दुल नासिर ने ममलकत सऊदी अरब, उसकी कियादत का अवाम के तहफ़्फुज और देख-भाल करने में भरपूर तवज्जा देने पर उनका शुक्रिया अदा किया। उन्होंने कहा, हरमैन शरीफैन में आमद से लेकर रवानगी तक हमें यहां हर तरह की सहूलयात मिली। आजमीन की खिदमत का एक भरपूर निजाम बनाया गया जिसके जरीया मनासिक उमरा अदा करने और दीगर इबादात करने में भरपूर सहूलत मिलती है।
मस्जिद हराम में फराहम की गईं फिलेड सर्विसिज का मयार आला है। पूरी दुनिया से मक्का मुकर्रमा आने वाले जईफुर्रहमान को रमजान उल-मुबारक के बाबरकत महीने में अज्रो सवाब समेटने का भरपूर मौका मिलता है। इसमें सऊदी अरब की जानिब से फराहम की जाने वाली सहूलयात का भी किरदार होता है। एक और मात्मर ने मस्जिद हिरा व मस्जिद नबवी (सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम) के उमूर के लिए जनरल पे्रजीडेंसी की दिलचस्पी को बयान किया और बताया कि जनरल पे्रजीडेंसी किस तरह जईफुर्रहमान को मुख़्तलिफ तरीकों से खिदमात फराहम करती है। मिसाल के तौर पर जमजम के पानी के लिए मुख़्तलिफ डिस्ट्रीब्यूशन प्वाईंटस बनाए गए हैं। इसी तरह मस्जिद के माहौल को जरासीम से पाक रखने के लिए जरासीम कुशी की खिदमात शानदार हैं। इन सर्विसिज की वजह से एक सेहतमंद अकीदतमंदाना माहौल तशकील पाता है। डीजीटल खिदमात, तर्जुमा की खिदमात, मुख़्तलिफ जबानों में रहनुमाई की सर्विसिज भी उमरा के मनासिक को आसान बनाते हैं।