6 रमजान-उल मुबारक, 1444 हिजरी
बुध, 29 मार्च, 2023
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मस्जिद बहाली प्रोग्राम
रियाद : आईएनएस, इंडियासऊदी अरब में सरकारी सतह पर पुरानी मसाजिद और तारीखी मुकामात की बहाली के प्रोग्राम के तहत अलबाहागोरी की तारीखी मस्जिद अलसफा की बहाली और मरम्मत का काम जारी है। सऊदी अरब की सरकारी पे्रस एजेंसी एसपीए की रिपोर्ट के मुताबिक मस्जिद अलसफा 13 सौ साल पुरानी एक तारीखी मस्जिद है। ये मस्जिद अलबाहा गवर्नरी में कदीम तर्जे तामीर का एक शाहकार है और इसका शुमार ममलकत की कदीम तरीन मसाजिद में होता है।
मस्जिद अलसफा की बहाली का प्रोग्राम शहजादा मुहम्मद बिन सलमान की तरफ से ममलकत में मसाजिद की बहाली का हिस्सा है । जदीद (आधुनिक) अंदाज में मरम्मत के साथ-साथ मस्जिद की पुरानी हैवत भी बरकरार रखी गई है ताकि उसके तारीखी फने तामीर को भी जिंदा रखा जा सके। मस्जिद की बहाली के अमल के दौरान उसे साबिका हालत में बरकरार रखा गया है। बलजरशी इलाके में वाके मस्जिद अलसफा की गुंजाइश में कोई तबदीली नहीं की गई। मरम्मत से कब्ल और 78 मुरब्बा मीटर है और बहाली से पहले और बाद में इसकी गुंजाइश में कोई तबदीली नहीं की गई। उसके पुराने डिजाइन को बरकरार रखते हुए दीवारों की मरम्मत की गई है।
मस्जिद जो 1350 साल कबल तामीर की गई थी, तमाम एतराफ से इमारतों में घिरी हुई है। अलसफा मस्जिद शहजादा मुहम्मद बिन सलमान के दूसरे मरहले में तारीखी मसाजिद को तैयार करने के मंसूबे का हिस्सा है, जिसमें ममलकत के तमाम 13 खितों में 30 मसाजिद, रियाज के इलाके में 6 मसाजिद, मक्का उल मुकर्रमा के इलाके में 5 मसाजिद शामिल हैं। मदीना के इलाके में 4 मसाजिद, असीर के इलाके में 3 मसाजिद, मशरिकी इलाके में दो मसाजिद, अलजोफ और जाजान में एक और शुमाली सरहदी इलाके, तबूक, अलबाहा में एक-एक मस्जिद की बहाली (रेनोवेशन) शामिल है।