8 रमजान-उल मुबारक, 1444 हिजरी
जुमा, 31 मार्च, 2023
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बर्लिन : आईएनएस, इंडिया जर्मन हुक्काम ने तसदीक की है कि बर्लिन में मुस्लमान मुअल्लिमात को हिजाब पहनने की इजाजत दी जाएगी क्योंकि उन्होंने वफाकी आईनी अदालत में दायर मुकद्दमे में रियासत को शिकस्त देते हुए हिजाब पहनने का मुकद्दमा जीत लिया है।
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file photo |
बर्लिन की वजारात-ए-तलीम ने स्कूल के प्रिंसीपल्स को भेजे गए एक सरकारी खत में कहा है कि खवातीन असातिजा (टीचर्स) के लिए हैड स्कार्फ़ और मजहबी अलामात पहनने की आम तौर पर इजाजत होगी। सिर्फ इन्फिरादी सूरतों में इस पर पाबंदी आइद की जा सकती है। हालांकि बर्लिन के गैर जांबदारी के कानून के तहत सरकारी मुलाजमीन को मजहबी लिबास और अलामतें पहनने की पाबंदी है। शहर में खवातीन असातिजा पर 2005 से हैड स्कार्फ़ पहनने पर पाबंदी आइद है। ताहम हालिया बरसों में जारी मुतअद्दिद अदालती फैसलों ने इस बात की तसदीक की है कि हैड स्कार्फ़ पर जामा पाबंदी इमतियाजी सुलूक और आईन की तरफ से दी गई मजहबी आजादी की खिलाफवरजी है।
सीनेट डिपार्टमैंट आफ एजूकेशन यूथ एंड फैमिली ने प्रिंसीपल्ज को बताया कि उन्हें अदालत के ताजा-तरीन फैसलों की तामील करनी चाहिए। बताया जाता कि 2020 में फेडरल लेबर कोर्ट (बीएजी) ने फैसला दिया था कि बर्लिन में मुस्लिम खवातीन असातिजा पर निकाब पहनने पर पाबंदी नहीं लगाई जाएगी, ताहम बर्लिन ने इस फैसले के खिलाफ ऐक्शन लेते हुए शिकायत दर्ज कराई थी। अलबत्ता वफाकी आईनी अदालत ने इस शिकायत को कबूल नहीं किया और मुस्लमान खवातीन असातिजा को हिजाब की इजाजत दे दी है।
तमिलनाडू : खातून को हिजाब उतारने पर मजबूर करने के इल्जाम में 7 गिरफ़्तार
चेन्नई : आईएनएस, इंडियातमिलनाडू पुलिस ने रियासत के वेल्लोर फोर्ट काम्पलेक्स में एक खातून को हिजाब उतारने पर मजबूर करने के इल्जाम में 7 अफराद को गिरफ़्तार किया है। गिरफ़्तारों में एक नाबालिग भी शामिल है। वेल्लौर के एसपी एस राजेश ने उनकी गिरफ़्तारी की तसदीक करते हुए कहा कि 7 अफराद को दानिस्ता तौर पर खातून की बे-हुरमती करने और बदनाम करने के इल्जाम में गिरफ़्तार किया गया है। एसपी का मजीद कहना था कि मुल्जिम ने जाती आजादी के खिलाफ काम किया।
गिरफ़्तार मुल्जिमान की शिनाख़्त संतोष, इमरान पाशा, मुहम्मद फैसल, इब्राहीम बाशा, मुहम्मद फैसल और सी प्रशांत के नाम से हुई है। गिरफ़्तार नाबालिग को जुवेनाइल होम भेज दिया गया है। पुलिस ने बताया कि गिरफ़्तार होने वालों में ज्यादातर मुकामी आटो रिक्शा ड्राईवर हैं। पुलिस के मुताबिक वाकिया 27 मार्च की दोपहर को पेश आया, जब एक हिजाब में मलबूस खातून अपने एक दोस्त के साथ वहां पहुंची। उसी समय मुल्जिमों ने उसे हिजाब उतारने को कहा। उनमें से एक ने इस वाकिये को फोन पर शूट किया और वीडीयो सोशल मीडीया पर अपलोड कर दिया जो वाइरल हो गई। ये केस वेल्लौर नॉर्थ पुलिस ने बुध को विलेज एडमिनिस्ट्रेटव आॅफीसर (वीएओ) की तरफ से दी गई शिकायत पर दर्ज किया है।
पुलिस ने जुमेरात को पाँच खुसूसी टीमें तशकील देकर मुजरिमों को गिरफ़्तार किया। सात अफराद को अवामी तहफ़्फुज को खतरे में डालने, जाती आजादी को खतरे में डालने, दो तबकों के लोगों के दरमयान दुश्मनी पैदा करने और खवातीन के वकार को नुक़्सान पहुंचाने के इल्जामात में गिरफ़्तार किया है। पुलिस ने लोगों को हिदायत की है कि वो मजकूरा वीडीयो को सोशल मीडीया पर शेयर ना करें, ऐसा करने वालों पर तमिलनाडू हरासमेंट आफ वीमन प्रोहबेशन एक्ट और इन्फार्मेशन टेक्नोलोजी एक्ट के तहत मुकद्दमा दर्ज किया जाएगा। वेल्लौर के एसपी ने कहा कि मुआमले में मजीद तफतीश जारी है।