23 शाअबानुल मोअज्जम 1444 हिजरी
जुमेरात, 16 मार्च 2023
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दाऊदी बोहरा फिरका के 53 वें दाई मुफद्दल सैफ उद्दीन ने जामिआ मिलिया इस्लामीया, नई दिल्ली की चांसलरशिप कबूल कर ली है। जामिआ मिलिया इस्लामीया कोर्ट अराकीन ने मुत्तफिका तौर पर पांच साल की मुद्दत के लिए उन्हें चांसलर मुंतखब किया है, जो 14 मार्च 2023 से नाफिज उल अमल होगा। मुफद्दल सैफुद्दीन अपने वालिद बुरहान उद्दीन और दादा ताहिर सैफ उद्दीन की तरह तालीम से वाबस्ता हैं और अपने इल्मी वजाइफ और मराकज इल्मी की सरपरस्ती करते हैं। वे दाउदी बोहरा कम्यूनिटी के आला तालीमी इदारे अलजामा अलसफेह अरबी एकेडमी के सरबराह भी हैं। वजीर-ए-आजम नरेंद्र मोदी ने गुजिश्ता माह मुंबई में एकेडमी के चौथे कैम्पस का इफ़्तिताह किया। सैफ उद्दीन 2015 से मुसलसल दो मर्तबा अलीगढ़ मुस्लिम यूनीवर्सिटी की चांसलरशिप पर भी फाइज रहे हैं, ये ओहदा उनके दोनों पेशरूओं के पास भी था। मुफज्जल सैफ उद्दीन की इंतिजामीया दुनियाभर में सैंकड़ों स्कूलों और तालीमी इदारों की निगरानी करती है। और कई ट्रस्टों का भी इंतिजाम करती है, जो मुस्तहिक तलबा को ग्रांट और वजाइफ फराहम करते हैं, खवातीन और मर्दों दोनों को तालीम तक मुसावी रसाई फराहम करते हैं।
उन्होंने 2016 में अलीगढ़ के हाई स्कूलों के एक ग्रुप को 1000 कम्पयूटर अतीया किए, जहां वो सर्किल में ताहिर सैफ उद्दीन हाई स्कूल की बहाली में अहम किरदार अदा किया था। हाल ही में उन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम यूनीवर्सिटी में फार्र्मेसी के एक नए स्कूल की तामीर में मदद का ऐलान किया है। वाजेह हो कि पीएम मोदी कई बार मुफज्जल उद्दीन की खुसूसी मजलिस में शरीक हो चुके हैं।
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