दमिशक : आईएनएस, इंडिया
शाम में जलजले से मुतास्सिरा इलाके हलब में इमदादी कारकुनों को मकान के मलबे में से कोई जिंदा शख़्स नहीं मिला अलबत्ता एक लड़की की डायरी मिली है जिसने इस इलाके के रिहायशियों की सारी अलमनाक कहानी सुना दी है।
सबक वेबसाइट के मुताबिक हलब शाम का वो इलाका है, जो गुजिश्ता 10 साल से खानाजंगी और मुहासिरे का शिकार है। डायरी का जायजा लेने पर मालूम हुआ है कि वो एक लड़की की है, जिसकी उम्र का अंदाजा नहीं हो सका है। उसमें दर्ज इबारत के जरीये वहां के मकीनों की मुश्किलात की अक्कासी होती है। लड़की ने अपनी डायरी में लिखा है कि अब किसी भी चीज की खाहिश बाकी नहीं रही। चंद अलफाज पर मुश्तमिल इस जुमले ने हलब के शामी खानदानों की असल हालत दुनिया को बता दी है कि किस तरह उन पर सियासी हालात ने अरसा हयात तंग किया। जिस इमदादी कारकुन को डायरी मिली है, उनका कहना है कि हमारी बड़ी खाहिश थी कि मलबे तले हमें जिंदा लोग मिल जाएं। उन्होंने अफसोस का इजहार करते हुए कहा कि हमें वहां से कोई भी जिंदा नहीं मिला, सिर्फ यही डायरी मिली जिसके मालिक का अभी तक पता नहीं चला है।
ओहदेदार का कहना है कि इस शुबे की बुनियाद पर मेल नर्स को हस्पताल से बरतरफ कर दिया गया। हालांकि बरतरफी के चंद घंटे बाद वो मुसल्लह अफराद के साथ हस्पताल पहुंचा और उसने डायरेक्टर पर हमला किया। ये भी बताया जा रहा है कि हस्पताल में तयनात सिक्योरिटी अहलकारों से मुसल्लह अफराद ने कहा कि उन्हें हस्पताल के डायरेक्टर की तलाश है जिसने हमारे दोस्त को बरतरफ किया है, हमें बच्ची से कोई दिलचस्पी नहीं है। हस्पताल इंतिजामीया ने बच्ची की हिफाजत के लिए सिक्योरिटी तयनात की है। कई बच्ची के रिश्तेदार होने के दावेदार हैं। दुनियाभर से इस बच्ची को गोद लेने की पेशकश भी की जा रही है।
हस्पताल इंतिजामीया का कहना है कि आयत को बुध तक हस्पताल से फारिग कर दिया जाएगा। बच्ची के एक रिश्तेदार सालिह अलबदरान का कहना है कि आयत की फूफी जो जलजले में बच गई हैं, उसकी परवरिश करेंगी। याद रहे कि शुमाली शाम के जिंदेरस कस्बे में तबाहकुन जलजले के दौरान जन्म लेने वाली बच्ची मोजजाती तौर पर जिंदा बच गई थी। नोमोलूद बच्ची के खानदान के तमाम अफराद हलाक हो गए थे। रेस्क्यू कारकुनान जलजले के दस घंटे बाद आयत तक पहुंचे थे। पाँच मंजिला इमारत के मलबे को हटाते हुए उनकी नजर आयत पर पड़ी थी। इमदादी कारकुनों ने जब बच्ची को मलबे से बाहर निकाला तो वो नाफ के जरीये अपनी माँ से जुड़ी हुई थी। फौरी तौर पर बच्ची को अफरीन हस्पताल मुंतकिल कर दिया था।
शाम में जलजले से मुतास्सिरा इलाके हलब में इमदादी कारकुनों को मकान के मलबे में से कोई जिंदा शख़्स नहीं मिला अलबत्ता एक लड़की की डायरी मिली है जिसने इस इलाके के रिहायशियों की सारी अलमनाक कहानी सुना दी है।
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मलबे तले जन्म लेने वाली बच्ची को अगवा करने की कोशिश
दुबई : शुमाली शाम के इलाके अफरीन में हस्पताल के ओहदेदार ने इन इत्तिलाआत की तरदीद की है कि जलजले के बाद मलबे तले जन्म लेने वाली नोमोलूद आयत को अगवा करने की कोशिश की गई है। खबर के मुताबिक सोशल मीडीया पर हस्पताल पर मुसल्लह अफराद (हथियार बंद) के हमले और नोमोलूद को अगवा करने की कोशिश के हवाले से खबरें गर्दिश में थीं। याद रहे कि शाम और तुरकिया में आने वाले जलजले के बाद नोमोलूद आयत को मलबे से निकाल कर हस्ताल मुंतकिल किया गया था। हस्पताल के एक ओहदेदार ने नाम जाहिर ना करने की शर्त पर बताया कि दरअसल हस्पताल के डायरेक्टर को एक मेल नर्स पर नोमोलूद के अगवा करने की मंसूबाबंदी का शुबा था जो आयत की फोटोग्राफी कर रहा था।ओहदेदार का कहना है कि इस शुबे की बुनियाद पर मेल नर्स को हस्पताल से बरतरफ कर दिया गया। हालांकि बरतरफी के चंद घंटे बाद वो मुसल्लह अफराद के साथ हस्पताल पहुंचा और उसने डायरेक्टर पर हमला किया। ये भी बताया जा रहा है कि हस्पताल में तयनात सिक्योरिटी अहलकारों से मुसल्लह अफराद ने कहा कि उन्हें हस्पताल के डायरेक्टर की तलाश है जिसने हमारे दोस्त को बरतरफ किया है, हमें बच्ची से कोई दिलचस्पी नहीं है। हस्पताल इंतिजामीया ने बच्ची की हिफाजत के लिए सिक्योरिटी तयनात की है। कई बच्ची के रिश्तेदार होने के दावेदार हैं। दुनियाभर से इस बच्ची को गोद लेने की पेशकश भी की जा रही है।
हस्पताल इंतिजामीया का कहना है कि आयत को बुध तक हस्पताल से फारिग कर दिया जाएगा। बच्ची के एक रिश्तेदार सालिह अलबदरान का कहना है कि आयत की फूफी जो जलजले में बच गई हैं, उसकी परवरिश करेंगी। याद रहे कि शुमाली शाम के जिंदेरस कस्बे में तबाहकुन जलजले के दौरान जन्म लेने वाली बच्ची मोजजाती तौर पर जिंदा बच गई थी। नोमोलूद बच्ची के खानदान के तमाम अफराद हलाक हो गए थे। रेस्क्यू कारकुनान जलजले के दस घंटे बाद आयत तक पहुंचे थे। पाँच मंजिला इमारत के मलबे को हटाते हुए उनकी नजर आयत पर पड़ी थी। इमदादी कारकुनों ने जब बच्ची को मलबे से बाहर निकाला तो वो नाफ के जरीये अपनी माँ से जुड़ी हुई थी। फौरी तौर पर बच्ची को अफरीन हस्पताल मुंतकिल कर दिया था।
रज्जबुल मुरज्जब 1444 हिजरी
फरवरी 2023
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