अंजुमन इस्लाहुल मुस्लेमीन के तकरीरी प्रोग्राम का दूसरा दिन
दुर्ग। मोहर्रमुल हराम के मौके पर तकियापारा मुस्लिम सराय में अंजुमन इस्लाहुल मुस्लेमीन की जानिब से जारी तकरीरी प्रोग्राम के दूसरे दिन हजरत अल्लामा, मौलाना नादिर हुसैन ने फरमाया, पैगंबर-ए-इस्लाम हजरत मोहम्मद मुस्तुफा सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम के सबसे सच्चे और वफादार साथी अबू बकर सिद्दीक रदिअल्लाहो अन्हो पूरी दुनिया में आप सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम का कलमा पढ़ने वाले सबसे पहले मुसलमान हुए।
आप रदि अल्लाहो अन्हो ने अपनी जिंदगी की हर घड़ी पैगंबर-ए-इस्लाम हजरत मोहम्मद मुस्तुफा सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम के साथ गुजारी। आप रदि अल्लाहो अन्हो ने एक बार पैगंबर-ए-इस्लाम हजरत मोहम्मद मुस्तुफा सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम के कहने पर अपनी सारी दौलत गरीब, मिस्किन, बेसहारा और यतीमों के बीच तकसीम कर दी। अरब में आप रदि अल्लाहो अन्हो का शुमार इज्जतदार और असर अंदाज लोगों में हुआ करता था। आप रदि अल्लाहो अन्हो जब कुरआन शरीफ की तिलावत करते तो आपकी सुरीली आवाज सुनकर लोग इतना मुतास्सिर होते कि कलमा पढ़ लेते।
आप रदि अल्लाहो अन्हो के दिल में हर वक्त अल्लाह का खौफ हुआ करता था। आपके दौरे खिलाफत में इस्लाम को बहुत शोहरत मिली। आप रदि अल्लाहो अन्हो की कोशिशों से इस्लाम के कट्टर दुश्मन भी इस्लाम के करीब आ गए। आप रदि अल्लाहो अन्हो अपनी दौलत से इस्लाम को बहुत फायदा पहुंचाया। इस्लाम लाने के बाद गुलामों को भारी कीमत देकर आजाद कराया। इरादा ये होता था कि इस अमल से अल्लाह और उसके रसूल सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम राजी हो जाएं। आप रदि अल्लाहो अन्हो ने जिन गुलामों को खरीद कर आजाद किया, उनमे एक हजरत बिलाल हबशी रदि अल्लाहो अन्हो भी शामिल थे। हजरत बिलाल आजाद होने के बाद मदीने की सबसे बड़ी मस्जिदे नबवी सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम के मोअज्जन हुए।
मस्जिद नबवी सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम का कुछ हिस्सा हजरत अबू बकर रदि अल्लाहो अन्हो ने अपनी दौलत से खरीदा। तकरीर में मस्जिद के इमाम मोहम्मद मंसूर रजा, जामा मस्जिद के इमाम मौलाना कय्यूम अशरफी, मस्जिद बहारे शरीअत के इमाम शमशीर अशरफी समेत बड़ी तादाद में मआशरे के लोगों ने शिकरत की।