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दस लाख से जाइद रोहंगया बंगला देश में पनाहगजीन हैं
सन 2017 में आए थे और बंगला देश में मुख़्तलिफ कैम्पों में रह रहे हैं
रोहंगयाओं के लिए चीन ने मियांमार के रखायन सूबे में तकरीबन 3000 मकानात तामीर कराए हैं
सन 2019 में भी पनाहगजीनों को वापिस भेजने की दो मर्तबा कोशिशें की गईं

ढाका : आईएनएस, इंडिया
चीन ने वाअदा किया है कि वो हजारों रोहंगया पनाहगुजीनों (शरणार्थियों) को मियांमार वापिस भेजने में बंगला देश की मदद करेगा। जान बचाने के लिए मियांमार से भाग कर आने वाले दस लाख से जाइद रोहंगया बंगला देश में पनाहगजीन हैं।
बंगला देश के वजीर-ए-खारजा (विदेश मंत्री) ने अपने चीनी हममन्सब के साथ इतवार के रोज ढाका में तबादला-ए-ख़्याल किया। मियांमार में जुल्म-ओ-जबर से बचने के लिए दस लाख से जाइद रोहंगया मुस्लमान वहां से भाग कर बंगला देश आ गए थे। उनमें से बेशतर रोहंगया सन 2017 में आए थे और बंगला देश में मुख़्तलिफ कैम्पों में रह रहे हैं। बंगला देशी वजीर-ए-खारजा ने बताया कि बंगला देश से मियांमार वापिस जानेवाले मुम्किना रोहंगयाओं की रिहायश के लिए चीन ने मियांमार के रखायन सूबे में तकरीबन 3000 मकानात तामीर कराए हैं। उन्होंने मजीद बताया कि चीन अपने वतन वापिस लौटने वाले इन पनाहगजीनों के लिए शुरू में खाने पीने के इंतिजामात भी करेगा। वजीर-ए-खारजा का कहना था कि हमें इसके लिए चीन का शुक्रिया अदा करना चाहिए कि वो ऐसा करने के लिए तैयार हो गया है।
बीजिंग में बंगला देश के साबिक सफीर और तजजिÞयाकार मुंशी फैज अहमद ने खबररसां एजेंसी से बातचीत करते हुए कहा कि रोहंगया के बोहरान को हल करने के लिए बंगला देश को चीन के तआवुन की जरूरत है। चीन ने इससे कबल नवंबर 2017 में मियांमार के साथ एक मुआहिदा किया था, जिसमें तकरीबन सात लाख रोहंगया मुस्लमानों को बंगला देश से वापिस भेजने की बात कही गई थी। उसके बाद सन 2019 में भी पनाहगजीनों को वापिस भेजने की दो मर्तबा कोशिशें की गईं। ताहम ये कोशिशें नाकाम रहीं क्योंकि रोहंगया पनाह गजनियों ने वापिस जाने से इनकार कर दिया। उनका कहना है कि अगर वो मियांमार वापिस जाते हैं तो एक-बार फिर तशद्दुद का शिकार हो जाने का खदशा है, जिससे बचने के लिए वो वहां से भागे थे।
गुजश्ता बरस मियांमार में फौजी बगावत के बाद से ये खौफ मजीद बढ़ गया है। बंगला देश पनाह गजीनों से मुताल्लिक शनाखती अमल मुकम्मल करने के लिए इकदामात कर रहा है। हुक्काम का कहना है कि बंगला देश के मुख़्तलिफ कैम्पों में रहने वाले पनाह गजीनों में से आठ लाख से ज्यादा का बायो मैट्रिक डेटा मियांमार को भेजा जा चुका है।