जहाँगीर पूरी तशद्दुद के अहम मुल्जिम अंसार के खिलाफ पीएमएलए के तहत कार्रवाई करें

दिल्ली पुलिस कमिशनर का ईडी को खत

नई दिल्ली : आईएनएस, इंडिया 

जहांगीर पूरी तशद्दुद मुआमले में दिल्ली पुलिस कमिशनर ने ईडी को खत लिख कर पीएमएलए के तहत मर्कजी मुल्जिम अंसार के खिलाफ कार्रवाई का मुतालिबा किया है। 

पुलिस कमिशनर ने ये खत 21 अप्रैल को लिखा है। इस मुआमले में तृणमूल की फेक्ट फाइंडिंग टीम दिल्ली जायेगी औरजहांगीर पूरी के बाशिंदों से बात करेंगे। वाजेह रहे कि जहांगीर पूरी इन्हिदाम (विध्वंस) केस में सुप्रीमकोर्ट ने समाअत (सुनवाई) दौरान कहा कि फिलहाल जहांगीर पूरी में तखरीबकारी (तोड़फोड़) नहीं होगी। अदालत ने नोटिस जारी करते हुए अथार्टी से जवाबतलब किया। अब इस मुआमले की समाअत दो हफ़्ते बाद होगी। अदालत का जुमूद बरकरार रखने का फैसला बरकरार रहेगा। एडवोकेट दुष्यंत दवे ने कहा कि ये कौमी एहमीयत का मसला है। इस पर जस्टिस नागेश्वर राव ने कहा कि इसमें कौमी मसला क्या है, ये एक मुकामी मसला है। जहांगीर पूरी के दरखास्त गुजार की तरफ से पेश होने वाले एडवोकेट दुष्यंत दवे ने कहा कि ये मसला सिर्फ जहांगीर पूरी तक महिदूद नहीं है। ये मुल्क के समाजी ताने-बाने के खिलाफ है। जो लोग उस वक़्त इलाके में नहीं थे, उनके घर भी मिस्मार कर दिए गए। दिल्ली में कम्यूनिटी में खौफ फैलाया जा रहा है। सिर्फ एक कम्यूनिटी को निशाना बनाया जा रहा है। अदालत को पैगाम देना चाहिए कि यहां कानून की हुक्मरानी है। जस्टिस राव ने कहा कि हम पूरे मुल्क में तखरीबकारी को नहीं रोक सकते। इस पर सिब्बल ने कहा कि हम बुलडोजर से तखरीबकारी को रोकना चाहते हैं। 


नफरतअंगेज तकरीर मुआमले में सुप्रीमकोर्ट की दिल्ली पुलिस को सरजनिश


नई दिल्ली : आईएनएस, इंडिया
 

दिल्ली धर्म संसद मुआमले में दिल्ली पुलिस ने गुजिशता हफ़्ते सुप्रीमकोर्ट में हलफनामा दाखिल किया था जिसमें दिल्ली पुलिस ने कहा था कि 19 दिसंबर को दिल्ली में मुनाकिदा धर्म संसद में मुस्लिम कम्यूनिटी के खिलाफ कोई नफरतअंगेज तकरीर नहीं की गई। 

हलफनामे में दिल्ली पुलिस ने कहा था कि धरम संसद के वीडीयो और दीगर मवाद की मुकम्मल जांच के बाद पता चला कि किसी भी बिरादरी के खिलाफ नफरतअंगेज तकरीर नहीं की गई। नीज सुप्रीमकोर्ट ने दिल्ली पुलिस के बयान पर अदम इतमीनान का इजहार करते हुए 'बेहतर हलफनामा' दाखिल करने को कहा है। दिल्ली पुलिस के हलफनामे पर सवाल उठाते हुए सुप्रीमकोर्ट ने पूछा कि क्या ये सिर्फ़ तफतीशी अफ़्सर की रिपोर्ट है या पुलिस कमिशनर और डीसीपी का भी यही मौकिफ है, सीनीयर वकील कपिल सिब्बल ने भी दिल्ली पुलिस के हलफनामे पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस कमिशनर का कहना है कि तहकीकात हो चुकी है और उन्होंने क्लीनचिट दे दी है। ये जायज है। तफतीश की गई और कोई जुर्म नहीं पाया गया। 

गोविंद पूरी में नफरतअंगेज तकरीर की तहकीकात में कहा गया है कि ऐसे अलफाज का कोई फायदा नहीं है जिसे मुस्लमानों की नसली ततहीर या एक पूरी कम्यूनिटी के कतल की खुली दावत से ताबीर या तशरीह की जाए। कपिल सिब्बल ने कहा कि उनका मकसद कम्यूनिटी की अखलाकीयात को बचाना है। सुप्रीमकोर्ट ने इस मुआमले में बेहतर हलफनामा दाखिल करने के लिए दिल्ली पुलिस को दो हफ़्ते का मजीद वक़्त दिया है और 4 मई तक नया हलफनामा दाखिल करने को कहा है। अब इस मुआमले की अगली समाअत 9 मई को होनी है। 




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