हिजाब नहीं तो इम्तिहान नहीं, घर लौटी तालिबात

हिजाब पर दरखास्त देने वाली दो तालिबात को इमतिहान देने से रोक दिया गया
रियासती सतह की कराटे चैंपियन है आलिया

फाईल फोटो

कर्नाटक :
कर्नाटक में हिजाब के हक में दरखास्त देने वाली दो लड़कियों को हिजाब पहन कर इमतिहान देने की इजाजत नहीं दी गई जिसके बाद वो कॉलेज से वापिस हो गर्इं। दोनों तालिबात ने क्लास में हिजाब पहनने की इजाजत के लिए दरखास्त दायर की है। 21 अपै्रल को भी तालिबात ने हिजाब पहन कर 12वीं बोर्ड के इमतिहान में बैठने की इजाजत मांगी लेकिन उन्हें इजाजत नहीं दी गई, जिसके बाद दोनों तालिबात इमतिहानी मर्कज से चली गईं। आलीया असदी और रेशम ने उडूपी के कॉलेज में इमतिहान देने के लिए अपना हाल टिकट लिया और बुर्क़ा पहन कर इमतिहान देने पहुंची। उन्होंने तकरीबन 45 मिनट तक तफतीश कारों और कॉलेज के प्रिंसिपल से दरखास्त की, लेकिन अदालती हुक्म के बाद रियास्ती हुकूमत की पाबंदी को बरकरार रखने के बाद बिलआखिर इस इजाजत से इनकार कर दिया गया। फिर दोनों तालिबात को बगैर इमतिहान दिए खामोशी से अहाते से निकलते देखा गया। कर्नाटक में हिजाब पर पाबंदी के खिलाफ लड़ाई में सबसे आगे रहने वाले चीफ मिनिस्टर बिस्वाराज बोम्मई ने एक ताजा अपील करते हुए कहा कि आपके पास हमारे मुस्तकबिल को बर्बाद होने से रोकने का अभी भी मौका है। अपील में रियास्ती सतह की कराटे चैम्पियन आलीया असदी ने कहा कि हिजाब या हैड स्कार्फ़ पर पाबंदी से बहुत सी तालिबात मुतास्सिर होंगी जो इस माह के आखिर में होने वाले प्री यूनीवर्सिटी इमतिहानात में शिरकत करना चाहती हैं। आलीया असदी इन दरखास्त गुजार में से एक हैं, जिन्होंने रियासत की हिजाब पर पाबंदी के खिलाफ अदालत से रुजू किया है। कर्नाटक हाईकोर्ट के हिजाब पर पाबंदी को बरकरार रखने के फैसले से मायूस उन्होंने अब सुप्रीमकोर्ट से अपनी उम्मीदें वाबस्ता की हैं। हाल ही में हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि हिजाब पहनना इस्लाम का लाजिÞमी जुज नहीं है। तलबा यूनीफार्म पहनने से इनकार नहीं कर सकते। यूनीफार्म बुनियादी हुकूक पर एक माकूल पाबंदी है। हाई कोर्ट ने तालिबात की दरखास्त को खारिज कर दिया था।




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