सुप्रीमकोर्ट जमानत की दरखास्त पर 2 मई को करेगा समाअत
नई दिल्ली : सुप्रीमकोर्ट में उतर प्रदेश के साबिक काबीना वजीर और समाजवादी पार्टी के रहनुमा आजम खान के खिलाफ एक केस में 2 मई को समाअत होगी। आजम खान के वकील ने सुप्रीमकोर्ट में दरखास्त दायर कर दी है जिसमें कहा गया है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जमानत की दरखास्त में हुक्म महफूज करने के बाद काफी अर्से तक फैसला को इलतिवा रखा। दरअसल इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जायदाद केस में आजम खान की दरखास्त जमानत पर समाअत मुकम्मल कर ली है लेकिन काफी अर्से से अपना फैसला नहीं सुनाया। इसके साथ ही 4 मई को इलाहाबाद हाईकोर्ट जमानत की दरखास्त पर फैसला सुनाएगी। ऐसे में कियास लगाया जा रहा है कि क्या आजम खान की ईद जेल में ही होगी। ताहम सुप्रीमकोर्ट अब इस पूरे मुआमले की समाअत 2 मई को करेगी। आजम खान के खिलाफ कल 72 मुकद्दमात दर्ज हैं। आजम खान को उनमें से 71 मुकद्दमात में जमानत मिल चुकी है। उन्हें अभी जायदाद केस में जमानत मिलनी है जिसकी वजह से उन्हें जेल के अंदर रहना पड़ा। 4 दिसंबर 2021 को इस मुआमले में समाअत मुकम्मल होने के बाद इलाहाबाद कोर्ट ने अपना फैसला महफूज रख लिया था।
पटियाला में शिवसेना के 'खालिस्तान मुदार्बाद मार्च’ के बाद दो ग्रुपों में तनाजा
पटियाला : पंजाब के पटियाला में शिवसेना की जानिब से निकाले गए खालिस्तान मुदार्बाद मार्च के दौरान हालात इंतिहाई कशीदा हो गए। कई सिक्ख तंजीमें और हिंदू कारकुन आमने सामने आ गए जिसके बाद पूरे मुआमले को सुलझाने के लिए पुलिस को काफी जद्द-ओ-जहद करनी पड़ी। दोनों तरफ से तलवारें भी लहराई गईं और पत्थर भी बरसाए गए। सीएम भगवंत मान ने भी इस बारे में ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा है कि पटियाला में तसादुम का वाकिया इंतिहाई अफसोसनाक है। मैंने डीजीपी से बात की, इलाके में अमन बहाल हुआ है। हम सूरत-ए-हाल पर नजर रखे हुए हैं और किसी को भी रियासत में इंतिशार पैदा करने की इजाजत नहीं देंगे। पंजाब का अमन और हम-आहंगी सबसे अहम है।
पटियाला में खालिस्तान मुर्दाबाद मार्च आर्या समाज चौक से पंजाब वर्किंग सदर हरीश सिंगल की निगरानी में शुरू हुआ। शिव सैनिक खालिस्तान मुर्दा बाद के नारे लगाते हुए बाहर निकल आए। हरीश सिंगल ने कहा कि शिवसेना कभी भी पंजाब में खालिस्तान नहीं बनने देगी और ना ही किसी खालिस्तान का नाम लेने देगी। इस दौरान कुछ सिक्ख तंजीमें भी तलवारें लहराती हुई सड़क पर आ गईं और दोनों तरफ से सूरत-ए-हाल कशीदा हो गए। दोनों ग्रुपों के बीच पथराव भी हुआ।