मोहर्रम उल हराम, 1447 हिजरी
﷽
फरमाने रसूल ﷺ
जो चीज़ सबसे ज़्यादा लोगों को जन्नत में दाखिल करेगी, वह ख़ौफ-ए-खुदा और हुस्न अखलाक है।
- तिर्मिज़ी
चिल्ड्रन इस्लामिक ऑर्गनाइज़ेशन (सीआईओ) ने मुल्कगीर माहौलयाती तहफफुज (पर्यावरण संरक्षण) की गरज से एक शानदार मुहिम की शुरुआत की गई है। "मिट्टी में हाथ, दिल वतन के साथ" नारे के साथ शुरू इस मुहिम का हदफ 25 जून से 25 जुलाई के बीच मुल्कगीर एक मिलियन (10 लाख) पौधे लगाकर उनकी देखभाल का अज्म उठाया गया।
29 जून को अल फलाह टावर में मुनाकिद मुहिम की इफतेताहिया तकरीब बच्चों ने पुरजोश अंदाज में हिस्सा लिया। तकरीब में मुख्तलिफ माहौलयाती एक्टीविटी, गीत, मुहिम का तराना और ग्लोबल वार्मिंग पर जानकारी साझा की गई।
तकरीब की मेहमाने खुसूसी आयशा खान, (प्रिंसिपल, एके मेमोरियल स्कूल), शाइस्ता रूही (माहिर ताअलीम) और फाखिरा तबस्सुम (एग्जीक्यूटिव मेम्बर, जमाअत-ए-इस्लामी) थीं। तकरीब से खिताब करते हुए मेहमाने खुसूसी ने बच्चों को कुदरत से प्यार और उसकी हिफाजत का पैगाम दिया।
तकरीब की शुरुवात सीआईओ के मेंबर मआज अल्लाह खान ने कुरआन की तिलावत से की। तकरीब की कार्रवाई सुमैय्या रूमान और स्टेट कन्वीनर निखत नाज़ चलाते हुए मुहिम की अहमियत पर रोशनी डाली। उन्होंने कहा कि यह न सिर्फ शरजकारी मुहिम है बल्कि आने वाली पीढ़ी के लिए जिंदगी का पैग़ाम है।
आखिर में वाइज़ा खान मेहमानों, शुरका (प्रतिभागियों), असातजा और खुसूसी तौर पर नन्हे बच्चों के तंई शुक्रगुजारी का इजहार किया। बच्चों ने अपने हाथों को मिट्टी व हरे रंग में भिगोकर मुल्क के नक्शे पर अपने हाथ का निशाना बनाकर ज्यादा से ज्यादा शजरकारी कर माहौल की हिफाजत करने का अज्म उठाया। यह मुहिम मुल्क के हर कोने में कामयाबी के साथ चलाया जाएगा।
नुज़हत पाशा, मीडिया इंचार्ज, जमात-ए-इस्लामी हिंद, रायपुर ने कहा कि अपने घर, गार्डन या स्कूल कैंपस में शजरकारी करने के ख्वाहिशमंद हजरात से सीआईओ के बच्चों को मौका देने की गुजारिश की है। उन्होंने कहा कि यह मुहिम न सिर्फ माहौल की हिफाजत की जानिब एक कदम है, बल्कि यह बच्चों में वतनपरस्ती, जिम्मेदारी और कुदरत से जुड़ाव का जज्बा भी पैदा करेगा।