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मिस्र को खौफजदा कर देने वाला इसराईल का ग्रेटर गजा मन्सूबा

Israel's Greater Gaza plan terrorizing Egypt

काहिरा : आईएनएस, इंडिया 

नाम निहाद ग्रेटर गजा मंसूबे के बारे में हाल ही में काफी बातें होने के बाद सरकारी और अवामी सतह पर चेतावनी जारी की गई है। फलस्तीनी और मिस्री दोनों इस तरह के मंसूबे के खतरे के बारे में गौर कर रहे हैं। ग्रेटर गजा मंसूबे के पीछे इसराईल है, जो मुबय्यना (कथित) तौर पर मिस्री इलाके सेना की कीमत पर गजा की पट्टी के रकबे को मगरिब की तरफ बढ़ाना चाहता है। इन चेतावनियों में मजीद इजाफा उस वक़्त हुआ, जब चंद रोज कब्ल इसराईली वजीर-ए-खारजा अली कोहन की जानिब से इसराईली आर्मी रेडियो पर तसदीक की गई कि इस जंग के इखतेताम (समापन) पर ना सिर्फ गजा में हम्मास का खातमा हो जाएगा बल्कि गजा का रकबा •ाी कम हो जाएगा। 
    इसराईली वजीर-ए-दिफा ने •ाी जुमा के रोज इस बात की तसदीक की कि उनका मुल्क गजा में सिक्योरिटी की एक नई हकीकत तशकील देगा। दरीं अस्ना (उसी बीच) मिस्री सदर अब्दुल फताह अलसीसी और फलस्तीनी सदर महमूद अब्बास ने गुजिश्ता बयानात में गजा की पट्टी से फलस्तीनीयों को बे-घर करने और सेना में •ोजने के इसराईली मंसूबे के बारे में खबरदार किया है। याद रहे कि 365 मुरब्बा किलोमीटर के रकबा पर लग•ाग 2.3 मिलियन लोग आबाद हैं। ये मन्सूबा जिसके लिए गजा की पट्टी के मशरिक में रकबे को कम करने की •ाी जरूरत है, का मकसद पट्टी की सरहदों को इसराईली कस्बों और उसके करीब आबाद बस्तियों से अलग करने के लिए एक बफर जोन बनाना है, ताकि उन कस्बों को मजीद तहफ़्फुज (ज्यादा सुरक्षा) फराहम किया जा सके। 
    सात अक्तूबर को गजा की पट्टी से मुल्हिक (लगी हुई) इसराईली बस्तियों पर हम्मास तहरीक के हमले के बाद इसराईली आबादियों को तहफ़्फुज देने की एहमीयत बढ़ गई है। गजा की पट्टी से हमला करने वाले हम्मास के जंगजू मगरिबी किनारे पर तकरीबन 10 किलोमीटर के फासले तक पहुंच गए थे। इस हवाले से गजा की पट्टी के शुमाली हिस्से और मगरिबी किनारे के दरमियान फासिला कम है। इस एतबार से इसराईल गजा की पट्टी के शुमाली हिस्से को अपने जेरे निगरानी लाना चाहता है। इस सिलसिले में मिस्री सहाफी और मीडीया मुसन्निफ मुस्तफा बकरी ने तसदीक की कि जो चीज अब तजवीज की जा रही है, ये एक पुराना मन्सूबा है, जो इससे कब्ल 2004 में उस वक़्त के इसराईली कौमी सलामती के मुशीर (सलाहकार) ने पेश किया था। इस मंसूबे के तहत गजा में एक अजीम रियासत को कायम करना है। 
    इस मंसूबे के तहत गजा का एक इलाका इसराईल के लिए मुखतस (रिजर्व) किया गया है और मिस्र की सेना का एक इलाका गजा के साथ मिलाया गया है। इस मंसूबे में 600 मुरब्बा किलोमीटर सेना को गजा से मुंसलिक करने की तजवीज दी गई थी। ये •ाी वजाहत की गई है कि इसराईल का मकसद अब गजा के मकीनों की जबरी नक़्ल मकानी के जरीये फलस्तीनी-मिस्री मसला पैदा करना है। इससे ये जाहिर होता है कि सहयोनी रियासत इसराईली बस्तियों और गजा के सरहदी इलाके के दरमयान बफर जोन चाहती है। याद रहे कि इस मंसूबे के मुताबिक जेवरा आईलैंड ने मिस्र को एलात शहर के शुमाल मगरिब में सहराए नकब के 200 मुरब्बा किलोमीटर का रकबा बतौर मुआवजा देने की तजवीज पेश की है। इस तरह ये मन्सूबा मिस्र और अरदन को मिलाने और इकतिसादी फवाइद (आर्थिक ला•ा) हासिल करने में मुआविन (मददगार) साबित हो सकता है। जहां तक मिस्री सदर की तरफ से सेना के मुतबादिल के तौर पर सहराए नकब की तजवीज का ताल्लुक है, बाकिरी ने कहा कि अलसीसी ने सेना के बजाय सहराए नकब को गजा वालों के लिए खोलने के बारे में कहा था। उनकी तरफ से ये बयान •ाी गेंद को ईसराईलीयों के कोर्ट में फेंकने से ज्यादा कुछ नहीं था। मिस्री अखबार के चीफ एडीटर अशरफ अलाशरी ने तसदीक की कि मिस्री सदर अलसीसी गेंद को इसराईल के कोर्ट में रखना चाहते थे। 
    उन्होंने इस बात पर •ाी जोर दिया कि मिस्र किसी •ाी हालत में गजा के कुछ हिस्सों को मुनकते करने या उसके बाशिंदों को सेना में मुंतकिल करने के इसराईली मन्सूबों को कबूल नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि फलस्तीनीयों को सेना मुंतकिल करने का अमल मिस्री इसराईल कशीदगी का बाइस बनेगा। गजा को उसकी मौजूदा हालत में बाकी रहना एक मिसाली नमूना है। उन्होंने कहा कि अमरीकी, इसराईली और योरपी कोशिशें जारी हैं कि काहिरा पर दबाओ डाला जाए कि फलस्तीनीयों को सेना में मुंतकिल किया जाए। ये मसला मिस्रियों के लिए सुर्ख़ लकीर है और खित्ते में कशीदगी का बाइस बन सकता है।


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