21 जीअकादा 1444 हिजरी
पीर, 11 जून 2023
अकवाले जरीं‘किसी मुसलमान को बेइज्जत करना, बड़े गुनाहों में से एक है।’
- अबु दाऊद
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पैरिस : आईएनएस, इंडिया फ्रÞांस की वजारत-ए-दाखिला (गृह मंत्रालय) ने ईदउल फितर मनाने के लिए स्कूल से छुट्टी करने वाले मुस्लिम बच्चों की तादाद मालूम करने का फैसला किया है। दूसरी जानिब मजदूर तन्जीमों और नसल परस्ती की मुखालिफत करने वाले ग्रुपों ने इस फैसले पर तन्कीद की है। फ्रÞांस की वजारत-ए-दाखिला ने कहा है कि उसने ईद उल फितर के मौके पर स्कूलों से छुट्टी करने वाले बच्चों की तादाद मालूम करने के लिए हाजिरी के रजिस्टरों का जायजा लेने का हुक्म दिया है। जूनीयर मिनिस्टर बेकस ने एक बयान में कहा है कि वजारत-ए-दाखिला कुछ मजहबी तेहवारों पर अवामी खिदमात के कामों और खासतौर पर तालीमी शोबे पर पड़ने वाले असरात का बाकायदगी से जायजा लेती है। टोलोज शहर में पुलिस ने मुकामी स्कूलों के सरबराहों से 21 अप्रैल को गैरहाजिर बच्चों की तादाद की तफसीलात देने को कहा, जिसके नतीजे में ये इल्जाम लगाया गया कि हुक्काम गैरहाजिर बच्चों का रिकार्ड तर्तीब दे रहे हैं, जिसकी बेकस ने तरदीद की। मूुल्क की सबसे बड़ी असातिजा (टीचर्स) की यूनीयन, एफएसयू ने वजीर-ए-दाखिला को मुखातब करते हुए एक बयान में कहा कि वो इस इकदाम (कदम) की सख़्ती से मुजम्मत करती है। यूनीयन के मुताबिक इदारों की तरफ से मजहबी अकाइद और उनकी पाबंदी के बारे में आदाद-ओ-शुमार (आंकड़े) जमा करने की कोशिश, सबसे बढ़कर स्कूल की सतह पर, सेक्यूलारिजम और बुनियादी हुकूक के उसूलों की खिलाफवरजी है। सीजीटी एजूकेशन यूनीयन ने उसे बदनाम करने वाला और एक खतरनाक अमल करार दिया है। नसल परस्ती के खातमे के लिए काम करने वाले एक ग्रुप के मुताबिक ये इंतिहाई हैरत-अंगेज है कि जांच पड़ताल के लिए पुलिस को इस्तिमाल किया जा रहा है, क्योंकि इस तरह ऐसा लगता है कि जैसे एक मजहबी तेहवार को सलामती के किसी मसले से जोड़ने की कोशिश की जा रही हो। फ्रÞांस में सेक्यूलारिजम पर सख़्ती से अमल किया जाता है, जो सबको अपने अपने मजहब पर अमल करने की आजादी-ओ-जमानत देता है।
फ्रÞांस में इमतियाजी सुलूक के खिलाफ बनाए गए कवानीन के तहत नसली या मजहबी अकाइद के बारे में मालूमात जमा करना भी ममनू है। फ्रÞांस के ज्यादातर शहरी मसीहों के कैथोलिक अकीदे के मानने वाले हैं और इस वजह से क्रिसमिस या ईस्टर जैसे बड़े मसीही तेहवारों को फ्रÞांस में सरकारी तातीलात (छुट्टी) के तौर पर मनाया जाता है और उन तेहवारों के दौरान स्कूल बंद होते हैं।