4 जीअकादा 1444 हिजरी
जुमेरात, 25 मई, 2023
अकवाले जरीं
मजहबे इस्लाम में हाफ पैंट या कोई ऐसा लिबास जिसे पहने से मर्द की रान जाहिर होती है, बहुत ही बुरा लिबास करार दिया गया है। हदीसे पाक में है कि अपनी रान जाहिर न करो और न ही किसी जिंदा या मुर्दा इंसान की रान पर नजर डालो।
- अबू दाउद
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नैनीताल : आईएनएस, इंडिया हाईकोर्ट ने उत्तराखंड में सरकारी जमीन से गै़रकानूनी मजहबी तामीरात के इन्हिदाम (ढहाने) के खिलाफ दायर पीआईएल की समाअत के बाद फैसला महफूज कर लिया है। केस की समाअत चीफ जस्टिस विपिन और जस्टिस राकेश थपलियाल की डिवीजन बेंच के सामने हुई। चीफ जस्टिस ने सख़्त रिमार्कस देते हुए कहा कि गै़रकानूनी मजहबी तामीरात गिराई जाए। इसमें धर्म से गुरेज नहीं होना चाहिए। अदालत ने कहा कि इस तरह की दरखास्त दायर करके दरखास्त गुजार इलाके में मकबूलियत हासिल करना चाहते हैं। बेंच ने दरखास्त गुजार के वकील पर एक लाख रुपय का जुर्माना आइद करने को भी कहा। उसके बाद बेंच ने मुआमला महफूज कर लिया। केस के मुताबिक हाईकोर्ट में दायर पीआईएल में कहा गया था कि हुकूमत एक मखसूस मजहब की तामीरात को गै़रकानूनी नाम देकर गिरा रही है। दरखास्त गुजार ने अदालत में कहा कि एक मखसूस मजहब के खिलाफ की जा रही ये कार्रवाई फौरी बंद की जाए और मजारात को दुबारा तामीर कराया जाए। ज्वालापुर में कनखल के चंदन पीर बाबा के मजार के लिए दरखास्त गुजार के वकील बिलाल अहमद की तरफ से दायर दरखास्तों को मुस्तर्द कर दिया गया। हुकूमत इस वक़्त 400 दीगर गै़रकानूनी मकबरों को हटाने की तैयारी कर रही है। सीएससी चन्द्र शेखर सिंह रावत, जो रियास्ती हुकूमत की तरफ से पेश हो रहे हैं, ने कहा कि इससे पहले भी ऐसी ही एक अर्जी खारिज की जा चुकी है। हुकूमती वकील ने कहा कि तमाम तसावीर सिर्फ एक जगह की हैं। अदालत ने दरखास्त गुजार को लैंड माफिया करार देते हुए कहा कि आप सरकारी अराजी (जमीन) पर कब्जा करके उसे मजहबी मुकाम बना लेते हैं। पिछले कुछ अर्से से हुकूमत अपनी जमीन में बनाए गए गै़रकानूनी मजहबी मुकामात को जेसीबी चलाकर मिस्मार कर रही है। इस सिलसिले में, हरीदवार, रूड़की, तिहरी के मूलधर, राम नगर, देहरादून, खतेमा, हल्द्वानी, नैनीताल में तकरीबन 300 तजावुजात (अतिक्रमण) को पहले ही हटाया जा चुका है। इसके बावजूद हुकूमत अब भी 400 दीगर गै़रकानूनी मजारात को हटाने की तैयारी कर रही है।