21 रमजान-उल मुबारक, 1444 हिजरी
जुमेरात, 13 अपै्रल, 2023
------------------------------------
मकबूजा बैतुल-मुकद्दस : आईएनएस, इंडिया गासिब रियासत इसराईल ने मंगल के रोज कशीदा सूरत हाल के बाइस यहूदियों और सय्याहों के यरूशलम के मुकद्दस मुकाम के दौरे पर पाबंदी लगा दी है। दूसरी जानिब इसराईली फौज ने कहा है कि मकबूजा मगरिबी किनारे में दो मुसल्लह फलस्तीनीयों को गोलीमार कर हलाक कर दिया गया है।
पिछले हफ़्ते, इसराईली पुलिस ने मस्जिद अकसा के अहाते पर छापा मारा, जो दहाईयों से इसराईल और फलस्तीनीयों के दरमयान कशीदगी का एक बड़ा सबब है। जिसके रद्द-ए-अमल में गजा, जुनूबी लेबनान और शाम से इसराईल के खिलाफ राकेट दागे गए जिसका जवाब इसराईल ने फिजाई और तोपखाने के हमलों से दिया। वजीर-ए-आजम बेंजमन नेतन्याहू ने सिक्योरिटी मुजाकरात के बाद अपने एक बयान में कहा है कि रमजान के इखतेताम तक अहाते के मुकद्दस मुकाम में, जिसे यहूदी टेंपल माउंट कहते हैं, गैर मुस्लिमों का दाखिला रोक दिया जाएगा। माह-ए-रमजान का इखतेताम 20 अप्रैल के लगभग मुतवक़्के है। फलस्तीनी हुक्काम की जानिब से इस पाबंदी पर फौरी तौर पर कोई तबसरा नहीं किया गया, जिसे इसराईल ने गुजिश्ता बरसों के दौरान आइद किया था।
------------------------------------------------------------------------
शहादत अमीरुल मोमेनीन हजरत अली रदिअल्लाहो अन्हो
------------------------------------------------
इसराईली सरहदी मुहाफिजों ने मस्जिद अकसा के एक मर्कजी दरवाजे, लाईन्ज गेट के बाहर एक मुजाहिरे के दौरान एक फलस्तीनी नौजवान को हिरासत में लिया है। नेतन्याहू के इंतिहाई दाएं बाजू के पुलिस वजीर इतमार बैन ने ये कहते हुए इस पाबंदी की मुजम्मत की है कि जब दहश्तगर्दी हम पर हमला-आवर हो तो हमें बड़ी कुव्वत के साथ उसका जवाब देना चाहिए, उसके आगे हथियार नहीं डालने चाहिए। गुजिश्ता एक बरस से इसराईल और फलस्तीन के दरमयान कशीदगी बढ़ रही है, खासतौर पर मुस्लमानों के मुकद्दस महीने रमजान और यहूदीयों के मुकद्दस महीने पास और एक साथ आने से मुकद्दस सरजमीन पर तशद्दुद के वाकियात में इजाफा हुआ है। मंगल के रोज इसराईली फौज ने कहा कि दो मुसल्लह फलस्तीनीयों ने फौज की एक चौकी पर फायर खोल दिया जिस पर जवाबी कार्रवाई करते हुए फौजीयों ने उन्हें गोलीमार कर हलाक कर दिया। ये वाकिया एल्विन मोरा की बस्ती के करीब पेश आया जो नबलस शहर के करीब है। इस इलाके में अक्सर झड़पें होती रहती हैं। इसराईल और फलस्तीनीयों के दरमयान तशद्दुद बढ़ने से मगरिबी किनारे के इलाकों में इसराईली फौज के छापों में इजाफा हुआ है। जनवरी से अब तक 90 से ज्यादा फलस्तीनी जिनमें ज्यादा-तर अस्करीयत पसंद थे, मारे जा चुके हैं, जबकि 19 इसराईली और गैर मुल्की भी हलाक हुए हैं।