नई दिल्ली : आईएनएस, इंडिया
वजीरे आला अरविंद केजरीवाल की कयादत में दिल्ली हुकूमत कौमी दारुल हकूमत में मुख़्तलिफ तारीखी इमारतों को महफूज करने की सिम्त में तेजी से काम कर रही है। हिन्दोस्तान की तारीख की इन खूबसूरत यादगारों में से एक, कश्मीरी गेट पर वाके 'दाराशिकोह लाइब्रेरी', जिसे अब पार्टीशन म्यूजीयम कहा जाता है, को सकाफ़्ती मर्कज (सांस्कृतिक केंद्र) में तबदील किया जा रहा है।  |
दारा शिकोह लाइब्रेरी |
दिल्ली के नायब वजीर-ए-आला मनीष सिसोदिया ने जुमा को यहां का दौरा कर मौका पर जारी कामों की पेशरफ्त का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि दिल्ली की तारीखी इमारतें वक़्त के साथ-साथ मुल्क की तरक़्की की अलामत हैं। याद रहे कि हिन्दोस्तान के मोअर्रखीन (इतिहासकारों) की ये मुत्तफिका राय है कि अगर मुगल बादशाह औरंगजेब आलमगीर की जगह दारा शिकोह मुगल सल्तनत का बादशाह बन जाता, तो आज हिन्दोस्तान का नक़्शा ही कुछ और होता। |
दारा शिकोह |
वाजेह हो कि दारा शिकोह मुगल सल्तनत का ऐसा शहजादा था, जो दुनिया के तमाम मजाहिब का एहतिराम करता था और उसके ताल्लुकात सूफियों और जोगियों से उस्तवार थे। दारा शिकोह ने जिन बुनियादों को उस्तवार (बढ़ावा) किया और जिन कदरों (मूल्यों) का इश्तिराक (सााा) किया, वो गैरमामूली थीं। दारा शिकोह वो पहला शख़्स था, जिसने मुनाजरे (बहस) और मजादले (विवाद) के दौर में मकालमे (संवाद) की शुरूआत की।  |
मनीष सिसोदिया |
मिस्टर सिसोदिया ने कहा कि तकसीम-ए-हिंद से मुताल्लिक म्यूजीयम कायम करने के लिए दारा शिकोह लाइब्रेरी की इमारत से बेहतर कोई जगह नहीं हो सकती थी। ये 1947 की तकसीम की याद में एक म्यूजीयम होगा, जिसने दिल्ली को भी ड्रामाई तौर पर तब्दील कर दिया था और इसके बाद सीआर पार्क, पंजाबी बाग और लाजपत नगर समेत दार-उल-हकूमत में कई कॉलोनियां कायम हुईं। ये हिन्दोस्तान में तकसीम पर तामीर होने वाला दूसरा म्यूजीयम है और दिल्ली में ऐसा पहला म्यूजीयम है। ख़्याल रहे कि म्यूजीयम में रेल के डिब्बों (जैसा कि वो आजादी के वक़्त थे), कदीम हवेलियाँ और पनाह गजीन कैम्पों की नकलें भी मौजूद हैं। सय्याहों (पर्यटकों) को उस वक़्त का तजुर्बा फराहम करने के लिए, जिन लोगों ने तकसीम का मुकाबला किया, उन्होंने अजाइब घर को कपड़े, पनाह गजीन कैम्पों की चीजें, किताबें, खुतूत, बर्तन वगैरा अतीया किए। उन्होंने कहा, आम तौर पर अजाइब-घरों में सिर्फ तारीखी एहमीयत के लमहात ही दिखाए जाते हैं, लेकिन इस म्यूजीयम में हमने एक ‘गैलरी आफ होप’ का इजाफा किया है, जिसमें कई दहाईयों के बाद पाकिस्तान में अपनी कदीम जायदादों पर नजरसानी करने वाले लोगों की तसावीर और वीडीयोज दिखाई जाएंगी जो अपने आप में तकसीम के तजुर्बात की अक्कासी करती हैं। ये चीजें मुतास्सिरीन की तरफ से म्यूजीयम को अतीया की गई हैं।
2 शाअबानुल मोअज्जम 1444 हिजरी
23 फरवरी 2023
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