80 फीसद मामले हमजिंस परस्ताना जिन्सी ताल्लुकात (समलैंगिक संबंध बनाने) वालों की वजह से
70 से ज्यादा ममालिक में 14,000 से ज्यादा केस
दीगर मुल्कों में भी हो सकता है फैलाव
दुबई : मुत्तहदा अरब अमीरात की वजारत-ए-सेहत-ओ-रोक-थाम (एमओएचएपी) ने इतवार को मुल्क में आबला बंदर (मंकी पाक्स) के तीन नए केसों की इत्तिला दी है। वजारत-ए-सेहत ने शहरियों को मश्वरा दिया है कि वो तमाम हिफाजती रहनुमा खुतूत और तदाबीर (उपायों) पर अमल करें और इजतिमाआत (समूह) में सफर या लोगों से मुलाकात के दौरान रोकथाम के इकदामात करें।
सेहत हुक्काम ने कहा है कि मुम्किना (संभावित) तौर पर मोहलिक बीमारी के आलमी फैलाव के पेशे नजर मंकी पाक्स में मुबतला होने वाले मकीनों को 21 दिन तक क्वारेंटीन करना होगा। माहिरीन (विशेषज्ञों) के मुताबिक जिन मरीजों को 38.5 डिग्री से ज्यादा बुखार होता है, उनके जिस्मों पर दाने निकल आते हैं और वो जिस्म के 30 फीसद से ज्यादा हिस्सों पर हो सकते हैं, और ये वबा 80 फीसदी हमजिंस परस्ताना जिन्सी ताल्लुकात के मुर्तकिब (समलैंगिक संबंध बनाने वाले) लोगों के जरीया फैल रही है। इसकी अलामात (लक्षण) वाले मरीजों को अस्पताल में अलग-थलग रखना चाहिए। हामिला खवातीन (गर्भवती), छ: साल से कम उमर के बच्चों, 70 साल से ज्यादा उम्र के बूढ़े मरीजों और शदीद बीमार मरीजों को सेहतयाब होने तक अस्पतालों में तन्हाई में रखा जाना चाहिए। मुत्तहदा अरब अमीरात की वजारत-ए-सेहत ने अवाम को खबरदार किया है कि वो मंकी पाक्स वाइरस से मुताल्लिक मालूमात के लिए सरकारी जराइआ पर इन्हिसार करें और अफ़्वाहों और गलत मालूमात फैलाने से गुरेज करें।
आलमी इदारा-ए-सेहत ने हफ़्ते के रोज मंकी पाक्स की वबा को आलमी सेहत एमरजेंसी करार दिया है। उसने ये फैसला 70 से ज्यादा ममालिक में 14,000 से ज्यादा केसों की तशखीस (मूल्यांकन) के बाद किया है। आलमी एमरजेंसी के ऐलान का मतलब ये है कि मंकी पाक्स की वबा एक गैरमामूली वाकिया है। इसके लिए आलमी रद्द-ए-अमल की जरूरत है क्योंकि ये मजीद ममालिक में फैल सकता है।