दावा, मंदिर तोड़कर बनाई गई है कूव्वतुल इस्लाम मस्जिद
मई 2022 से मस्जिद में नहीं हो रही है नमाज
अगली सुनवाई 12 सितंबर को होगी
नई दिल्ली : आईएनएस, इंडिया
मर्कजी हुकूमत (केंद्रीय सरकार) ने पीर को दिल्ली हाईकोर्ट को बताया कि जुनूबी दिल्ली के महरौली इलाके में वाके मुगल मस्जिद एक महफूज यादगार है। मर्कजी हुकूमत ने कहा कि उसने वहां नमाज अदा करने पर पाबंदी के खिलाफ दायर दरखास्त पर अपना मौकिफ (रूख, स्थिति) बयान करने के लिए वक़्त मांगा है।
मर्कज ने जस्टिस मनोज कुमार ओहरी पर जोर दिया कि वो इस दरखास्त पर हिदायात लेने के लिए मजीद वक़्त दें जो कुतुब काम्पलैक्स के अंदर वाके लेकिन कुतुब अहाता के बाहर मस्जिद से मुताल्लिक है। मर्कज की तरफ से पेश हुए एडवोकेट सिंह ने कहा कि मस्जिद से मुताल्लिक एक मुआमला साकेत की निचली अदालत में भी चल रहा है। इस सिलसिले में दलायल देते हुए दिल्ली वक़्फ बोर्ड के वकील वजीहा शफीक ने कहा कि साकेत अदालत में जेरे इलतिवा (लंबित) मुआमला एक और मस्जिद से मुताल्लिक है। एडवोकेट एम सूफियान सिद्दीकी, दिल्ली वक़्फ बोर्ड की मैनेजिंग कमेटी की तरफ से पेश हुए। अदालत से इस मुआमले की जल्द अज जल्द समाअत करने की दरखास्त करते हुए कहा कि मई 2022 से मस्जिद में नमाज नहीं हो रही है। अदालत ने मुआमले की मजीद समाअत के लिए अगली तारीख 12 सितंबर मुकर्रर की है और मुद्दा अलीहान को दरखास्त पर अपना मौकिफ पेश करने के लिए मजीद वक़्त दिया। 14 जुलाई को अदालत ने मर्कज और आरक्योलोजीकल सर्वे आफ इंडिया (एएसआई) को अर्जी पर अपना मौकिफ पेश करने का वक़्त दिया था। दरखास्त गुजार ने फिर अदालत को बताया कि मस्जिद एक नोटीफाईड वक़्फ प्रॉपर्टी थी जिसमें एक इमाम और मोअज्जन मुकर्रर किया गया था, ना कि मुतनाजा को कूव्वतुल इस्लाम मस्जिद। साकेत की अदालत में जेरे इलतिवा एक दरखास्त में कुतुब मीनार काम्प्लैक्स में हिंदू और जैन देवताओं की बहाली का मुतालिबा किया गया है कि 27 मंदिरों को जुजवी तौर पर मुहम्मद गौरी की फौज के एक जनरल कुतुब उद्दीन ऐबक ने कुव्वत उल-इस्लाम मस्जिद बनवाई थी।