और ज्यादा बढ़ सकती है मौतों की तादाद
गर्मी का मौसम अभी आधा ही गुजरा है
बच्चों और बुजुर्गों को ज्यादा खतरा
लंदन : आईएनएस, इंडिया आलमी इदारा-ए-सेहत (डब्ल्यूएचओ) के योरपी दफ़्तर के मुताबिक यूरोप को अपनी लपेट में लेने वाली हीट वेव्ज सिर्फ़ जजीरानुमा आइबेरीन में 17 सौ से ज्यादा अम्वात (मौत) का सबब बनी है। खबररसां इदारे एएफपी की रिपोर्ट के मुताबिक मौसमियाती तब्दीलियों (पर्यावरण परिवर्तन) से निमटने के लिए मुशतर्का इकदामात (सााा कदम उठाने) का मुतालिबा (मांग) किया है। डब्लयूएचओ के इलाकाई डायरेक्टर बराए यूरोप ने एक बयान में कहा कि गर्मी मार देती है, गुजिश्ता दहाईयों में हीट वेव्ज के दौरान शदीद गर्मी के नतीजे में लाखों अफराद हलाक हो चुके हैं जिनमें से अक्सर हलाकतें जंगलात में आग के सबब हुईं। उन्होंने मजीद कहा कि रवां साल हम सिर्फ स्पेन और पुर्तगाल में हीट वेव के नतीजे में 1,700 से ज्यादा गैर जरूरी अम्वात देख चुके हैं। इलाकाई डायरेक्टर ने इस बात पर जोर दिया कि शदीद गर्मी के असरात पहले से मौजूद सेहत की खराबी में इजाफा कर देते हैं। साथ ही उनका कहना था कि जिंदगी के दोनों किनारों पर रहने वाले अफराद मसलन नौजाईदा और जईफ अफराद खासतौर पर ज्यादा खतरे में हैं। एक सवाल के जवाब में डब्लयूएचओ यूरोप ने वजाहत की कि ये आदाद-ओ-शुमार हुक्काम की रिपोर्टों पर मबनी (आधारित) एक इबतिदाई तखमीना (प्रारंभिक अनुमान) है, और ये तादाद पहले ही बढ़ चुकी है और आने वाले दिनों में मजीद (ज्यादा) बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि गर्मी की लहर से होने वाली अम्वात की हकीकी तादाद हफ़्तों तक मालूम नहीं हो सकेगी क्योंकि गर्मियों का मौसम बमुश्किल आधा ही गुजरा है। डायरेक्टर यूरोप का कहना था कि रवां हफ़्ते के वाकियात एक मर्तबा फिर मौसमियाती तबदीलीयों से मूसिर (प्रभावी) तरीके से निमटने के लिए योरपी इकदामात की अशद जरूरत की तरफ इशारा करते हैं।