महाराष्ट्र के वजीर नवाब को झटका, फौरी रिहाई की दरखास्त खारिज

6 मई तक रहेंगे हिरासत में 


नई दिल्ली :
सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र हुकूमत के वजीर नवाब मलिक की फौरी रिहाई की दरखास्त मुस्तर्द कर दी है। मनी लांडरिंग केस में गिरफ़्तार नवाब मलिक की दरखास्त को मुस्तर्द (अस्वीकार) करते हुए अदालत ने कहा कि वो इस मरहले में मुदाखिलत नहीं करेगी। वो जमानत के लिए दरखास्त दायर कर सकते हैं। 

जस्टिस डीवाई चन्द्रचूड़ और जस्टिस सूर्यकांत की बेंच ने कहा कि तहकीकात के इस मरहले (चरण) पर हम इस मुआमले में मुदाखिलत करने के लिए तैयार नहीं हैं। नवाब मलिक की जेल हिरासत में भी 6 मई तक इजाफा कर दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने हुक्म में कहा कि हाईकोर्ट का तबसरा (टिप्पणी) सिर्फ इस बात तक महिदूद है कि उबूरी राहत दी जाए या नहीं। ये कानून में दस्तयाब ईलाज का सहारा लेने के रास्ते में नहीं आएगा। नवाब मलिक की जानिब से कपिल सिब्बल ने कहा कि उन्हें 2022 में कैसे गिरफ़्तार किया गया जबकि केस 1999 का है, खुसूसी अदालत 5000 सफहात की चार्ज शीट की वजह से जमानत नहीं देगी। पहली नजर में मेरे खिलाफ कोई केस नहीं बनता है। दरअसल नवाब मलिक ने दरखास्त खारिज होने के बाद मुंबई हाईकोर्ट के फैसले को चैलेंज किया था और सुप्रीमकोर्ट से फौरी रिहाई का मुतालिबा किया था। मलिक ने उनकी गिरफ़्तारी को गै़रकानूनी करार देते हुए हाईकोर्ट में दरखास्त दायर की थी। उन्होंने इनफोर्समंट डायरेक्टोरेट (ईडी) के खिलाफ दर्ज की गई कार्रवाई को मंसूख करने और उनकी फौरी रिहाई का मुतालिबा किया था। हाईकोर्ट ने 15 मार्च को उबूरी रीलीफ देने से इनकार कर दिया था। हाईकोर्ट ने कहा था कि मनी लांडरिंग की रोक-थाम के कानून के तहत उन्हें हिरासत में भेजने के खुसूसी अदालत के हुक्म को गै़रकानूनी या गलत नहीं कहा जा सकता क्योंकि ये उस के दायरा इखतियार में नहीं है।

आबिद को चार माह बाद दुबारा बैन-उल-अकवामी मैच खेलने की मिली इजाजत

कराची : पाकिस्तानी ओपनर आबिद अली को दिल का दौरा पड़ने के चार माह बाद अपना बैन-उल-अकवामी कैरीयर दुबारा शुरू करने की इजाजत मिल गई है। गुजिश्ता साल दिसंबर में कराची में काइद-ए-आजम ट्रॉफी का मैच खेलते हुए उन्हें सीने में दर्द की शिकायत के बाद अस्पताल ले जाया गया था और एक दिन बाद उनकी 'एंजियोप्लास्टी की गई थी।

34 साला खिलाड़ी ने कहा कि मैं वापस आने और पाकिस्तान के लिए दुबारा खेलने के इमकानात के बारे में वाकई पुरजोश हूँ। डाक्टर ने मुझे मैदान में खेलने की इजाजत दी है और मैं नॉर्मल जिंदगी गुजार सकता हूँ। उन्होंने कहा कि मैं कुछ वक़्त के लिए दवा का इस्तिमाल करूँगा क्योंकि 'स्टंट डाला गया है लेकिन मैं जिस्मानी तौर पर ठीक महसूस कर रहा हूँ। मैं दौड़ रहा हूँ, जॉगिंग कर रहा हूँ, बैटिंग कर रहा हूँ और दुबारा मामूल की सरगर्मियां  करने में अच्छा महसूस कर रहा हूँ। पहले तो दिल की हालत देखकर शक था कि मैं दुबारा खेल सकूँगा या नहीं। लेकिन मैंने उम्मीद नहीं छोड़ी।





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