गोहाटी : आसाम के डीजीपी भास्कर ज्योति मोहंती कुरान-ए-पाक का एहतिराम करते हैं। वो नौजवान नस्ल को कुरान-ए-पाक पढ़ने का मश्वरा देते हैं। उन्होंने कहा कि कुरान-ए-पाक में भाईचारे और दोस्ती का दर्स दिया गया है। नौजवान नस्ल कुरआन पढ़ कर हकीकी इस्लाम को समझ सकती है। डीजीपी मोहंती ने जिहादियों के खिलाफ मुहिम के सिलसिले में अपना रद्द-ए-अमल जाहिर करते हुए ये बातें कहीं।
काबिल-ए-गौर है कि आसाम पुलिस की जानिब से जुमा को एक बड़े आॅप्रेशन में अलकायदा से ताल्लुक रखने वाले मुबय्यना (कथित) 11 मुश्तबा (संदिग्ध) अफराद को गिरफ़्तार किया गया है। इल्जाम है कि जिÞला मीरगांव के मदरसे से मुबय्यना जिहादी सरगर्मिर्यों को कंट्रोल किया जा रहा है। ये मदारिस मुबय्यना तौर पर जिहादी तन्जीमों के पैसे से चल रहे हैं। मुआमले में एक अहम कड़ी मुफ़्ती मुस्तफा को जिहादियों को सिम कार्ड फराहम करने पर गिरफ़्तार किया गया है। उनके बैंक की पासबुक में बंगला देश से होने वाली लेनदेन की इत्तिलाआत मिली हैं, इस कार्रवाई में बंगला देश का महबूब नामी शख़्स फरार होने में कामयाब हो गया है। डायरेक्टर जनरल आफ पुलिस ज्योति मोहंती ने कहा कि मुबय्यना मुश्तबा (तथाकथित संदिग्ध) अफराद आसाम को फिर्कापरस्ती की आग में झोंकना चाहते हैं। जिहादी तंजीमें मुख़्तलिफ किस्म के पैगामात भेज कर आसामी नौजवान समाज को गुमराह करने की कोशिश कर रही हैं। इसके बावजूद आसामी नौजवान तबका मुतास्सिर नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि दूसरी मजहबी किताबों को पढ़ने से बेहतर कुरआन पढ़ना है। कुरआन में भाईचारे, दोस्ती और अमन का पैगाम है। उन्होंने कहा कि मैं माजी में भी जिहाद के खिलाफ अपनी मुहिम में कामयाब रहा हूं।