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मुस्लमानों की तरक़्की के लिए दीनी-ओ-दुनियावी दोनों तालीम जरूरी : मौलाना हलीम अल्लाह कासिमी

मुंबई : मायूसी, पसमांदगी और एहसास कमतरी से बाहर निकलने का वाहिद रास्ता तालीम है। दीनी-ओ-दुनियावी दोनों तालीम के हुसूल की एहमीयत पर जोर देते हुए जमई महाराष्ट्र के जनरल सेक्रेटरी मौलाना हलीम अल्लाह कासिमी ने कहा कि मुस्लमानों की तरक़्की के लिए दोनों तालीम की जरूरत है, उन्होंने ये बात मस्जिद-ओ-मुदर्रिसा अकसा एजूकेशन, वांगनी जिÞला थाने में हाजिरीन से खिताब के दौरान कही। 

मौलाना ने कहा कि मौजूदा हालात में असरी उलूम (आधुनिक शिक्षा) के साथ ही दीन की बुनियादी बातों का इल्म होना भी इंतिहाई जरूरी है, ताकि वो अपने रोजमर्रा पेश आने वाले मसाइल को शरीयत के मुताबिक हल कर सके। इसके लिए हमें मकातिब (स्कूलों) के कयाम की फिक्र करना चाहीए ताकि नस्ल-ए-नौ (नई नस्ल) को दीन की बुनियादी और जरूरी मालूमात से आगाह किया जा सके। मौलाना ने जमई की खिदमात पर रोशनी डालते हुए कहा कि जमई हिंद अपनी बेमिसाल खिदमात के एक सदी से ज्यादा अरसा पूरा करने के बाद आज भी माजी की रोशन यादों के साथ मुस्तकबिल (भविष्य) की तरफ ईमानदारी और अज्म व हौसला के साथ रवाँ-दवाँ है। अकाबिर जमई हिंद के नजदीक इन्सानी खिदमत और मुल्क-ओ-मिल्लत की फलाह व बहबूद हमेशा से सर-ए-फहरिस्त रही है, आजादी वतन में इसका काइदाना-ओ-तारीखी किरदार रहा है जो अह्ले इल्म के नजदीक तारीखी तौर पर मुस्लिम है। 

मौलाना ने ये भी फरमाया कि मुल्क में किसी भी नागहानी कुदरती आफत आन पड़ी हो, या मुल्क के मौजूदा मंजरनामा में लोगों को ढारस देना हो, खिदमत इन्सानी, राहत रसानी और दीगर कानूनी इमदाद के लिए सफे अव्वल में जमात के अफराद नजर आएँगे और आप जमात के लोगों को वसाइलभर मुतास्सिरीन की बिला तफरीक मजहब व मिल्लत मदद करने में मसरूफ-ए-अमल पाएँगे। मौलाना ने हाजिरीन-ए-मजलिस से जमई की सरगर्मियों में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेने और इसके जमाती निजाम को मजबूत करने की अपील की, इस प्रोग्राम का सारा नज्म अब्दुर्रशीद जरीवाला ने किया। इस मौका पर हाफिज मुहम्मद आरिफ अंसारी (जनरल सेक्रेटरी जमई जिÞला थाने) हाजी मुहम्मद सगीर खान, मौलाना मुहम्मद इदरीस (कल्याण) मौलाना सना अल्लाह (बदलापुर) मौलाना असजद अल्लाह (बदलापुर), गुलाम-ए-मुस्तफा शेख,  अहमद शेख (वांगनी), यासर नय्यर भाई (गोरेगांव) यूनुस पत्रकार (वांगनी), इशफाक भाई (वांगनी) के अलावा कुरब-ओ-जवार (करीबी) के लोग मौजूद थे।


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