जमादी उल ऊला 1446 हिजरी
﷽
फरमाने रसूल ﷺ
दरूद तुम्हारे सब गमो के लिए काफी होगा और इससे तुम्हारे गुनाह बख्श दिए जाएंगे।
- तिर्मिज़ी
सँभल शाही जामा मस्जिद के अदालती हुक्म के सर्वे के दौरान मुज़ाहिरीन की सिक्योरिटी अहलकारों के साथ हुई झड़प में तीन मुज़ाहिरीन हलाक हो गए, जबकि दस को हिरासत में ले लिया गया। गौरतलब है कि सँभल में मंगल के रोज़ उस वक़्त कशीदगी पैदा हुई, जब एक मुक़ामी अदालत के हुक्म पर एक दरख़ास्त के बाद जामा मस्जिद का सर्वे करने सर्वे टीम मस्जिद पहुंची थी। सर्वे के लिए दायर अर्जी में दावा किया गया है कि उस जगह पर मुबय्यना तौर पर ''हरी हर मंदिर' था।
सँभल के एमपी ज़िया अल रहमान बर्क़ ने सूरत-ए-हाल पर तशवीश का इज़हार करते हुए सँभल के अवाम से अमन की अपील की है। उन्होंने आगे कहा कि जान-ओ-माल के नुक़्सान की तलाफ़ी यक़ीनी तौर पर नहीं हो सकती। उन्होंने उम्मीद जताई कि मुल्क की बड़ी अदालतें और पार्लियामेंट इस मामले में इन्साफ़ देंगी। एमपी बर्क़ ने मज़ीद लिखा कि अल्लाह की अदालत से कोई नहीं बच सकेगा। उन्होंने पुलिस के ज़ुलम के ख़िलाफ़ पार्लीमैंट में आवाज़ उठाने की बात कही। समाजवादी पार्टी के सरबराह अखिलेश यादव ने बीजेपी पर तन्क़ीद करते हुए कहा कि हुक्मराँ पार्टी, हुकूमत और इंतिज़ामीया ने इंतिख़ाबी बददियानती से तवज्जा हटाने के लिए तशद्दुद का मन्सूबा बनाया। लखनऊ में एक प्रेस कान्फ्रेंस में अखिलेश यादव ने कहा कि सँभल में एक संगीन वाक़िया पेश आया। एक सर्वे टीम को जान-बूझ कर सुबह रवाना किया गया ताकि इंतिख़ाबात के बारे में बातचीत में ख़लल डाला जा सके। उनका मक़सद अफ़रातफ़री फैलाना था ताकि इंतिख़ाबी मुआमलात पर कोई बेहस ना हो।
गौरतलब है कि सँभल की जामा मस्जिद तारीख़ी और बहुत पुरानी है। केस की समाअत 29 जनवरी को होगी।
सँभल के एमपी ज़िया अल रहमान बर्क़ ने सूरत-ए-हाल पर तशवीश का इज़हार करते हुए सँभल के अवाम से अमन की अपील की है। उन्होंने आगे कहा कि जान-ओ-माल के नुक़्सान की तलाफ़ी यक़ीनी तौर पर नहीं हो सकती। उन्होंने उम्मीद जताई कि मुल्क की बड़ी अदालतें और पार्लियामेंट इस मामले में इन्साफ़ देंगी। एमपी बर्क़ ने मज़ीद लिखा कि अल्लाह की अदालत से कोई नहीं बच सकेगा। उन्होंने पुलिस के ज़ुलम के ख़िलाफ़ पार्लीमैंट में आवाज़ उठाने की बात कही। समाजवादी पार्टी के सरबराह अखिलेश यादव ने बीजेपी पर तन्क़ीद करते हुए कहा कि हुक्मराँ पार्टी, हुकूमत और इंतिज़ामीया ने इंतिख़ाबी बददियानती से तवज्जा हटाने के लिए तशद्दुद का मन्सूबा बनाया। लखनऊ में एक प्रेस कान्फ्रेंस में अखिलेश यादव ने कहा कि सँभल में एक संगीन वाक़िया पेश आया। एक सर्वे टीम को जान-बूझ कर सुबह रवाना किया गया ताकि इंतिख़ाबात के बारे में बातचीत में ख़लल डाला जा सके। उनका मक़सद अफ़रातफ़री फैलाना था ताकि इंतिख़ाबी मुआमलात पर कोई बेहस ना हो।
गौरतलब है कि सँभल की जामा मस्जिद तारीख़ी और बहुत पुरानी है। केस की समाअत 29 जनवरी को होगी।
बर्क़ और सुहेल के ख़िलाफ़ एफआईआर
तशद्दुद मुआमले में उतर प्रदेश पुलिस ने सख़्त कार्रवाई करते हुए समाजवादी पार्टी के मेंबर पार्लियामेंट ज़िया अल रहमान बर्क़ के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज की है। बर्क़ के अलावा मुक़ामी एमएलए इक़बाल महमूद के बेटे सुहेल इक़बाल के ख़िलाफ़ भी मुक़द्दमा दर्ज किया गया है। सुहेल भी एसपी लीडर हैं। दोनों पर तशद्दुद भड़काने, भीड़ जमा करने और बदअमनी फैलाने का इल्ज़ाम है।
हालात को देखते हुए जिला इंतेज़ामीया ने पत्थर और सोडा की बोतलें या कोई भी आतशगीर या धमाका ख़ेज़ मवाद ख़रीदने या ज़ख़ीरा करने पर भी पाबंदी आइद कर दी है साथ ही किसी भी बैरूनी शख़्स या अवामी नुमाइंदे के 30 नवंबर तक बग़ैर इजाज़त इलाक़े में दाख़िल होने पर भी पाबंदी आइद कर दी गई है। अपोज़ीशन जमातों ने तशद्दुद पर बीजेपी को तन्क़ीद का निशाना बनाया है। हिंदू फ़रीक़ के मुक़ामी वकील गोपाल शर्मा का नाम निहाद दावा है कि इस जगह पर पहले एक मंदिर था, जिसे मुग़ल बादशाह बाबर ने 1529 में मुनहदिम कर दिया था।