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मौजूदा हालात के पेश-ए-नजर इत्तिहादी मिल्लत को फ़रोग़ देने की जरूरत

मोहर्रम-उल-हराम - 1446 हिजरी

 हदीस-ए-नबवी ﷺ 

जिसने अस्तग़फ़ार को अपने ऊपर लाज़िम कर लिया अल्लाह ताअला उसकी हर परेशानी दूर फरमाएगा और हर तंगी से उसे राहत अता फरमाएगा और ऐसी जगह से रिज़्क़ अता फरमाएगा जहाँ से उसे गुमान भी ना होगा।

- इब्ने माजाह

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इत्तिहाद-ओ-इत्तिफ़ाक़ की हवा को मुस्तहकम-ओ-साज़गार बनाने राजधानी रायपुर में इत्तिहाद मिल्लत कांफ्रेंस
मुख्तलिफ मसलक के जिम्मेदारान ने की शिरकत

जमात-ए-इस्लामी हिंद

✅ नुज़हत सुहेल पाशा : रायपूर 

इजतिमाईयत के आलमगीर मैसेज को आम करने के लिए 28 जुलाई को राजधानी रायपुर में नायब अमीर जमात एस अमीन उल-हसन और सेक्रेटरी मुहम्मद अहमद (जमात-ए-इस्लामी हिंद) की आमद पर इत्तिहाद मिल्लत कान्फ्रेंस का इनइक़ाद किया गया। गौरतलब है कि जमात-ए-इस्लामी हिंद, मुस्लिम इजतिमाई क़ियादत-ओ-तमाम मसालिक के लोगों को मुशतर्का प्लेटफार्म पर लाने मुल्क के गोशे-गोशे में इत्तिहाद मिल्लत के प्रोग्राम को फ़रोग़ दे रही है।
जमात-ए-इस्लामी हिंद

    जमात-ए-इस्लामी हिंद के ज़िम्मादारान की जानिब से मुल्क के बदलते मंज़रनामे में उम्मत के इंतिशार-ओ-इख़तिलाफ़ी नज़रियात की वजह से मिल्लत की तस्वीर में डाल दिए गए शिगाफ़ को पुर करने और इस मूज़ी मर्ज़ से बचने की तलक़ीन हमेशा से की जाती रही है। इस सिलसिले की एक कोशिश छत्तीसगढ़ के रायपुर शहर में गुजिश्ता दिनों की गई जिसमें मुख़्तलिफ़ मसलक के ज़िम्मादारान ने शिरकत की।
जमात-ए-इस्लामी हिंद

    इफ़्तिताही कलिमात में अमीर हलक़ा शफ़ीक़ अहमद ने सूबे-ओ-मुक़ाम के हालात के पेश-ए-नज़र इत्तिहादी मिल्लत को फ़रोग़ देने हर मुम्किन कोशिश करने पर ज़ोर देने की बात की।
    मर्कज़ी सेक्रेटरी जमात-ए-इस्लामी हिंद, मुहम्मद अहमद ने समाजी दुश्मन अनासिर के हौसले पस्त करने और मिल्ली नौजवानों के अंदर नए अज़ाइम के साथ मुश्किलात का सामना करने के लिए मुत्तहिद प्लेटफार्म-ओ-नज़रियाती इख़तिलाफ़ को दरकिनार रखकर मिल्लत को मज़बूत-ओ-तालीम याफ़ता बनाने की बात पर ग़ौर करने की तलक़ीन की।
जमात-ए-इस्लामी हिंद

    मर्कज़ी नायब अमीर एस अमीन उल-हसन ने मिल्लत की दरख़शां तारीख़ का हवाला देते हुए अपनी बात का अग़ाज़ किया। इस दौरान उन्होंने मसलकी-ओ-नज़रियाती चीर-ओ-दस्तियों में पढ़कर अपने असल मक़सद से फ़रामोश होने के नताइज में मिल्लत की बे वज़नी सियासी क़ियादत से महरूमी पर अवाम की तवज्जा मबज़ूल कराई। साथ ही इत्तिहाद मिल्लत के मुशतर्का प्लेटफार्म-ओ-तमाम इख़तिलाफ़ को बालाए ताक़ रखकर मुल्क-ओ-मिल्लत की तरक़्क़ी पर कमरबंद होने की जरूरत पर जोर दिया। 
    नायब अमीर जमात ने मुख़्तलिफ़ मसालिक के ज़िम्मादारान को इत्तिहाद मिल्लत की मेज़बानी-ओ-मुस्लिम सियासी क़ियादत की बाग डोर सँभालने के लिए इस कोशिश को जारी-ओ-सारी रखने की मज़ीद तलक़ीन की। प्रोग्राम को कामयाब बनाने के लिए उन्होंने शहर क़ाज़ी मुहम्मद अकबर अली फ़ारूक़ी के फ़र्ज़ंद नायब क़ाज़ी आरिफ़ अली फ़ारूक़ी, शीया मसलक के ज़िम्मेदार नज़र हुसैनी और शहर के माअरूफ़ क़ानून दां फ़ैसल रिज़वी के तंई शुक्रगुजारी का इजहार किया।
 

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