'ख़ुदा से दुआ की मुझे सच दिखाए' एक पादरी की इस्लाम क़बूल करने की दिल छूने वाली कहानी

 सफर उल मुजफ्फर - 1446 हिजरी

  हदीस-ए-नबवी ﷺ  

जिसने अस्तग़फ़ार को अपने ऊपर लाज़िम कर लिया अल्लाह ताअला उसकी हर परेशानी दूर फरमाएगा और हर तंगी से उसे राहत अता फरमाएगा और ऐसी जगह से रिज़्क़ अता फरमाएगा जहाँ से उसे गुमान भी ना होगा।

- इब्ने माजाह

✅ सिडनी : आईएनएस, इंडिया 

एक ऑस्ट्रेलवी पादरी ने इस्लाम क़बूल करते हुए अपनी ख़ूबसूरत कहानी शेयर की है। इस्लाम एक ख़ूबसूरत मज़हब और एक मुकम्मल दीन है जिसे अल्लाह ने अपने बंदों तक आख़िरी नबी हजरत मुहम्मद ﷺ के ज़रीये पहुंचाया। 
    दुनियाभर में बड़ी तादाद में लोग इस्लाम क़बूल कर रहे हैं जिनमें नामवर शख़्सियात भी शामिल हैं, इस्लामी तालीमात से मुतास्सिर हो कर 45 साला ऑस्ट्रेलवी आर्थोडोक्स पादरी गोल्ड डेविड भी उन अफ़राद में शामिल हो गए हैं। गोल्ड डेविड ने अपनी कहानी सुनाते हुए बताया कि वो आस्ट्रेलिया की रियासत प्रथ में एक फ़ैमिली से मिलने गए थे, जहां वो एक मुक़ामी मस्जिद की जानिब मुतवज्जा हुए। इसके अलावा वो एक इमाम से भी मिले जिन्होंने उन्हें क़ुरआन पढ़ने के लिए दिया। 
    अपनी बात जारी रखते हुए उन्होंने बताया कि बरसों से मैंने अपनी किताबों की अलमारी में क़ुरआन रखा हुआ है, लेकिन उसे बमुश्किल ही कभी छुआ था, लेकिन इस बार मैंने ख़ुदा से कहा कि जो भी हक़ीक़त है, मुझे दिखा दे। मैं ख़ुदा से दुआ करता रहा और फिर मैंने क़ुरआन पढ़ा और मुझे मालूम हुआ कि इस्लाम ही सच्चा दीन है। उन्होंने ये भी कहा कि उसके बाद मैंने जुमे की नमाज़ के बाद इमाम के पास जा कर अल्लाह के वाहिद होने और नबी पाक ﷺ के आख़िरी होने की गवाही दी और इस्लाम कबूल कर लिया। जुमा पढ़ने आए मुस्लमान भाईयों ने मुझे मुबारकबाद पेश की। साबिक़ पादरी का मज़ीद कहना था, मैं दी-ए-इस्लाम में दाख़िल हो गया हूँ और मैंने अपना नाम अबदुर्रहमान रख लिया है। 

नबी अकरम  की शान में गुस्ताख़ी : कसूरवार के ख़िलाफ़ कार्रवाई का मुतालिबा

मुरादाबाद : मुरादाबाद में तहफ़्फ़ुज़ इस्लाम कमेटी ने ज़िला मजिस्ट्रेट के ज़रीये सदर जमहूरीया को एक मैमोरंडम भेजकर नबी आख़िर-ऊज़-ज़मा मुहम्मद मुस्तुफा ﷺ की शान में गुस्ताख़ी करने वाले मुजरिमों के ख़िलाफ़ क़ानूनी कार्रवाई कर उन्हें सख़्त सजा देने का मुतालबा किया है। 
    इस मौके़ पर मौलाना असलम कादरी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि नबी अकरम ﷺ की शान में गुस्ताखी करने वाले औरंगाबाद, महाराष्ट्र के रहने वाले ढोंगी मज़हबी रहनुमा रामगीरी गुरु नारायण महाराज के ख़िलाफ़ सख़्त तरीन कार्रवाई की जाए। मौलाना कादरी ने मज़ीद कहा कि हुज़ूर मुस्तफ़ा ﷺ हमारे आख़िरी नबी हैं, जिन पर अल्लाह ताअला ने पूरा क़ुरान-ए-पाक नाज़िल फ़रमाया है। आप ﷺ आलम-ए-इस्लाम के पहले हाफ़िज़ भी हैं। हम आप ﷺ बेपनाह मुहब्बत करते हैं, इसलिए आप ﷺ की शान में किसी भी तरह की गुस्ताखी बर्दाश्त नहीं कर सकते। 
    असलम कादरी ने मज़ीद कहा कि फिर भी अक्सर देखा गया है कि कुछ लोग आप ﷺ की शान में गुस्ताख़ी करते हैं। ये वो लोग हैं जिनका कोई मेयार नहीं। ऐसे लोगों के ख़िलाफ़ सख़्त से सख़्त कार्रवाई होनी चाहिए। आपको बताते चलें कि हाल ही में महाराष्ट्र के नासिक ज़िले के गांव में एक मज़हबी प्रोग्राम का इनइक़ाद किया गया था। इस दौरान राम गीरी नारायण ने इंतिहाई क़ाबिल एतराज़ अलफ़ाज़ में नबी अकरम ﷺ की शान में गुस्ताख़ी की और आप ﷺ लिए नाज़ेबा अलफ़ाज़ का इस्तिमाल किया जिसकी वीडीयो सोशल मीडीया पर वाइरल हो रही है जिससे हिन्दुस्तानी मुस्लमानों के दिलों को शदीद दुख पहुंचा है। उन्होंने कहा, जनाब-ए-सद्र से दरख़ास्त है कि राम गीरी गुरु नारायण के ख़िलाफ़ सख़्त तरीन कार्रवाई जाए।





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