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बर्तानिया फ़साद : क्या खौफ से उबर पाएंगे मुसलमान

 सफर उल मुजफ्फर - 1446 हिजरी

  हदीस-ए-नबवी ﷺ  

बेवाओं और मिस्कीनों के काम आने वाला अल्लाह की राह में जेहाद करने वाले के बराबर है, या रातभर इबादात और दिन में रोज़ा रखने वाले के बराबर हैं।

- बुख़ारी शरीफ

✅ लंदन : आईएनएस, इंडिया

बर्तानिया में मुस्लिम ख़वातीन के नेटवर्क के सर्वे के मुताबिक़ मुल्क में इंतिहाई दाएं बाज़ू की जानिब से फ़सादाद और पुर तशद्दुद मज़ाहिर के बाद मुल्क के तीन चौथाई मुस्लमान अपनी हिफ़ाज़त के लिए फ़िक्रमंद हैं। ख़बर के मुताबिक़ सिर्फ 16 फ़ीसद ने कहा कि वो हालिया नसली फ़सादाद से पहले भी ऐसा ही महसूस करते थे। सर्वे में तक़रीबन 20 फ़ीसद ने कहा कि 30 जुलाई को साउथ पोर्ट में होने वाले हंगामे से पहले भी उन्हें बर्तानिया में पुर तशद्दुद सूरत-ए-हाल का सामना करना पड़ा था। 
    बर्तानिया के शुमाल मग़रिबी इलाक़े साउथ पोर्ट में एक डांस क्लब में होने वाले चाक़ू के हमले में तीन लड़कियां हलाक और मुतअद्दिद ज़ख़मी हो गई थीं जिसके बाद इंगलैंड और शुमाली आयरलैंड में इंतिहाई दाएं बाज़ू से ताल्लुक़ रखने वाले अनासिर ने फ़सादाद और पुर तशद्दुद मुज़ाहिरे शुरू किए थे। सोशल मीडीया पर फैलाई गई ग़लत मालूमात ने डांस क्लब पर होने वाले हमले को मुख़्तलिफ़ तरीक़ों से एक मुस्लमान या पनाह गज़ीन तारकीन-ए-वतन से मंसूब किया लेकिन बाद में मुबय्यना हमला-आवर की शिनाख़्त 17 साला एगज़ल रिदा क़ूबाना के नाम से हुई जो कार्डिफ में पैदा हुआ था। हमले के बाद शुरू होने वाले फ़सादाद बर्तानिया के दूसरे बड़े शहरों में भी फैल गए जबकि मुतअद्दिद मुक़ामात पर मसाजिद को निशाना बनाया गया। 
    फ़सादीयों की तरफ़ से निशाना बनने वाली लीवरपूल की अबदुल्लाह कोयलीम मस्जिद में पनाह लेने वाली दो मुस्लमान ख़वातीन ने एक इंटरव्यू में बर्तानिया में मौजूदा हालात के बारे में अपने ख़दशात का इज़हार किया है। एक 26 साला तालिबा लीला टीमया ने बताया कि हमें तक़रीबन ये एहसास था कि पुलिस हमारी हिफ़ाज़त नहीं कर रही इसलिए ये इंतिहाई ज़रूरी है कि मुस्लिम कम्यूनिटी से इज़हार-ए-यकजहती हो। जुमा के रोज़ लंदन में ग़ैर मुस्लिम कम्यूनिटी की अच्छी ख़ासी तादाद मस्जिद की हिफ़ाज़त के लिए निकली थी। लंदन में मुक़ीम 29 साला शायरा आमना अतीक़ ने स्काई न्यूज़ को बताया, मुझे ऐसा लगा कि हमें एक मुस्लमान ख़ानदान के तौर पर तीन छोटी बच्चियों के लिए अफ़सोस करने का मौक़ा नहीं मिला। मुस्लिम ख़वातीन के नेटवर्क की सीईओ शाइस्ता गौहर ने स्काई न्यूज़ को बताया कि गुजिशता दहाई से यहां नफ़रत पर मबनी जराइम में इज़ाफ़ा हुआ है और ऐसे जराइम काफ़ी अरसा से हो रहे हैं। 
    शाइस्ता गौहर ने मज़ीद कहा कि नफ़रत पर मबनी ऐसे जराइम की क़ानूनसाज़ी को मैं दुश्मनी की इस्तिलाह से देखती हूँ। चैरिटी हेल्पलाइन क़ायम की जा रही है और ज़्यादा से ज़्यादा लोगों को खासतौर पर मुस्लिम ख़वातीन को मुआशरे के लिए नफ़रतअंगेज़ जराइम की रिपोर्ट करने की ज़रूरत है और ये परेशानकुन है जब ख़वातीन कह रही हैं कि हमारे साथ ज़्यादती हुई है जबकि हम अपने बच्चों के साथ थीं।

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