मोहर्रम-उल-हराम - 1446 हिजरी
हदीस-ए-नबवी ﷺ
ह्यजो शख्स ये चाहता है कि उसके रिज्क में इजाफा हो, और उसकी उम्र दराज हो, उसे चाहिए कि रिश्तेदारों के साथ हुस्न सुलूक और एहसान करे।ह्ण
- मिश्कवात शरीफ
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✅ रियाद : आईएनएस, इंडिया
मस्जिद उल हराम, मक्का मुकर्रमा में ग़ुसल काअबा की तक़रीब इतवार को अमल में आई। ख़ादिम हरमैन शरीफ़ैन, शाह सलमान बिन अबदुल अज़ीज़ की नियाबत करते हुए नायब गवर्नर मक्का मुकर्रमा शहज़ादा सऊद बिन मशाल बिन अबदुल अज़ीज़ ने इतवार को ख़ाना काअबा को ग़ुसल देने का एज़ाज़ हासिल किया।
ख़बर के मुताबिक़ नायब गवर्नर की मस्जिद उल हराम आमद पर सऊदी वज़ीर हज-ओ-उमरा डाक्टर तौफ़ीक़ अलरबीअह ने उनका इस्तिक़बाल किया। इस मौक़ा पर हरमैन शरीफ़ैन में मज़हबी उमूर के सरबराह शेख़ डाक्टर अबदुर्रहमान अलसदीस भी मौजूद थे। ग़ुसल काअबा की तक़रीब के मौक़ा पर सिक्योरिटी का ख़ुसूसी एहतिमाम भी किया गया था। नायब गवर्नर ने अपनी आमद के बाद ख़ाना काअबा को ग़ुसल देने का आग़ाज़ किया। इस मौक़ा पर काअबा शरीफ़ की दीवारों को आब-ए-ज़मज़म और ख़ालिस अर्क़ गुलाब से धोने के बाद ऊद और दीगर खुशबू से मुअत्तर किया गया।
उसके बाद नायब गवर्नर मक्का मुकर्रमा, वज़ीर हज-ओ-उमरा-ओ-दीगर आला ओहदेदारों ने तवाफ़ की दो रकातें अदा कीं। ख़ाना काअबा को ग़ुसल देने की तक़रीब में शिरकत करने वालों में सऊदी वज़ीर हज-ओ-उमरा डाक्टर तौफ़ीक़ अलरबीअह, हरमैन शरीफ़ैन में मज़हबी उमूर के सरबराह डाक्टर अबदुर्रहमान अलसदीस, वर्ल्ड लीग के सेक्रेटरी जनरल डाक्टर मुहम्मद बिन अबदुल करीम और सऊदी अरब में मुस्लिम ममालिक के सुफ़रा-ए-आला ओहदेदारान और हरमैन शरीफ़ैन में मुख़्तलिफ़ शोबों के अरकान मौजूद थे।
ख़बर के मुताबिक़ नायब गवर्नर की मस्जिद उल हराम आमद पर सऊदी वज़ीर हज-ओ-उमरा डाक्टर तौफ़ीक़ अलरबीअह ने उनका इस्तिक़बाल किया। इस मौक़ा पर हरमैन शरीफ़ैन में मज़हबी उमूर के सरबराह शेख़ डाक्टर अबदुर्रहमान अलसदीस भी मौजूद थे। ग़ुसल काअबा की तक़रीब के मौक़ा पर सिक्योरिटी का ख़ुसूसी एहतिमाम भी किया गया था। नायब गवर्नर ने अपनी आमद के बाद ख़ाना काअबा को ग़ुसल देने का आग़ाज़ किया। इस मौक़ा पर काअबा शरीफ़ की दीवारों को आब-ए-ज़मज़म और ख़ालिस अर्क़ गुलाब से धोने के बाद ऊद और दीगर खुशबू से मुअत्तर किया गया।
उसके बाद नायब गवर्नर मक्का मुकर्रमा, वज़ीर हज-ओ-उमरा-ओ-दीगर आला ओहदेदारों ने तवाफ़ की दो रकातें अदा कीं। ख़ाना काअबा को ग़ुसल देने की तक़रीब में शिरकत करने वालों में सऊदी वज़ीर हज-ओ-उमरा डाक्टर तौफ़ीक़ अलरबीअह, हरमैन शरीफ़ैन में मज़हबी उमूर के सरबराह डाक्टर अबदुर्रहमान अलसदीस, वर्ल्ड लीग के सेक्रेटरी जनरल डाक्टर मुहम्मद बिन अबदुल करीम और सऊदी अरब में मुस्लिम ममालिक के सुफ़रा-ए-आला ओहदेदारान और हरमैन शरीफ़ैन में मुख़्तलिफ़ शोबों के अरकान मौजूद थे।
आखिरी काफिले को दी गई बिदाई
हाजियों का आख़िरी क़ाफ़िला हज की सआदत हासिल करने के बाद मदीना मुनव्वरा से इंडोनेशिया के रवाना हो गया। हाजियों का ये आख़िरी क़ाफ़िला शहज़ादा मुहम्मद अबदुल अज़ीज़ बैन-उल-अक़वामी एयरपोर्ट से इतवार के रोज़ रवाना हुआ। इसमें कुल 320 हुज्जाज शामिल थे। इंडोनेशिया के लिए रवाना होने वाले इस क़ाफ़िले के एज़ाज़ में अल विदाई तक़रीब का भी एहतिमाम किया गया। इसके साथ ही हज मंसूबा 2024 मुकम्मल हो गया।
हज वीज़ा ख़त्म होने से कब्ल बिला ताख़ीर वतन रवाना हो जाएं : वज़ारत हज
सऊदी वज़ारत हज-ओ-उमरा ने ख़बरदार किया है कि हज पर आने वाले वीज़े की मुद्दत ख़त्म होने से कब्ल अपने मुक़र्ररा वक़्त पर वतन रवाना हो जाएं। सऊदी वज़ारत हज-ओ-उमरा ने सोशल मीडिया पर जारी बयान में कहा है कि हज वीज़े पर आने वालों के लिए ज़रूरी है कि वो क़वानीन की पाबंदी करें।
वीज़े की मुद्दत ख़त्म होने के बाद ममलकत में क़ियाम गै़रक़ानूनी अमल शुमार होगा। वज़ारत ने कहा कि हज वीज़ा मख़सूस अय्याम (विशेष दिनों) के लिए ही जारी किया जाता है। मुद्दत ख़त्म होने के बाद हर वो शख़्स, जो हज वीज़े पर ममलकत में पाया जाएगा, गै़रक़ानूनी शुमार किया जाएगा जिस पर क़ैद और जुर्माने की सज़ा मुक़र्रर है। वाजेह रहे कि हज या उमरा वीज़े पर आने वाले अफ़राद के लिए ज़रूरी है कि वो अपने मुक़र्ररा वक़्त के अंदर ममलकत से रवाना हो जाएं, ऐसे अफ़राद को क़ियाम की सहूलत फ़राहम करने वाले भी क़ानूनशिकनी के मुर्तक़िब क़रार पाएंगे।ये भी पढ़ें :
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