जीकाअदा-1445 हिजरी
हदीस-ए-नबवी ﷺ
जो कोई इल्म की तलाश में किसी राह पर चलता है, अल्लाह ताअला उसके लिए जन्नत की राह आसान कर देता है।
- इब्ने माजा
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✅ रियाद : आईएनएस, इंडिया
सऊदी महकमा अमन आम्मा ने सनीचर 4 मई 2024 से हज सीज़न के हवाले से ज़वाबत पर अमल दरआमद के आग़ाज़ का ऐलान किया है जिसके तहत मक्का-मुकर्रमा में दाख़िले के लिए एंट्री परमिट ज़रूरी होगा।
सरकारी न्यूज एजेंसी एसपीए के मुताबिक़ महिकमा अमन आम्मा ने बयान में कहा कि नए ज़वाबत (नियमों) का मक़सद हज के अमल को बेहतर और आज़मीन-ए-हज्ज के तहफ़्फ़ुज़ को यक़ीनी बनाना है। अमन आम्मा का कहना है 'हज-2024 के क़वाइद-ओ-ज़वाबत पर अमल दरआमद के लिए ऐसे किसी भी शख़्स को जिसके पास मुताल्लिक़ा इदारे की जानिब से हज मुक़ामात पर काम के लिए दाख़िले का इजाज़तनामा नहीं होगा, उन्हें और बग़ैर परमिट मक्का जाने वाली गाड़ियों को वापिस कर दिया जाएगा। ऐसे अफ़राद, जिनके पास मक्का से जारी करदा इकामा, उमरा परमिट या हज परमिट होगा, वो इससे मुस्तसना (बरी) होंगे।
याद रहे कि सऊदी क़वानीन के मुताबिक़ हज सीज़न में किसी सऊदी शहरी या मुक़ीम ग़ैर मुल्की को बग़ैर इजाज़त नामे के मक्का मुकर्रमा और मुशाविर मुक़द्दसा जाने की इजाज़त नहीं होती है।
विजिट वीज़े पर हज की इजाज़त नहीं, मिस्र में टूरिस्ट कंपनियों की हो रही निगरानी
क़ाहिरा : मिस्र की वज़ारत सयाहत (पर्यटन मंत्रालय) ने कहा है कि इस वक़्त मिस्र में मौजूद तमाम सयाहती कंपनियों की निगरानी की जा रही है। इन दिनों सोशल मीडीया पर गुमराह कुन इश्तिहारात चल रहे हैं जिनमें कहा जा रहा है किसी भी वीज़े पर जाने वाले हज कर सकते हैं।
मिस्री शहरीयों के कई ग्रुप सयाहती कंपनियों के ज़रीये विजिट वीज़े पर सऊदी अरब जा रहे हैं। उकाज़ अख़बार के मुताबिक़ वज़ारत का कहना है कि सोशल मीडीया पर प्रोपेगंडे के बाद सयाहती कंपनियों की निगरानी शुरू की गई है। सयाहती कंपनियों की मर्कज़ी इंतिज़ामीया की सरबराह साम्य सामी का कहना कि सऊदी अरब विजिट वीज़ों पर हज के मनासिक अदा करने की इजाज़त नहीं देता है।
साम्य सामी ने कहा कि सोशल मीडीया पर इश्तिहारात गुमराहकुन हैं। सिर्फ हज वीज़ा रखने वाले ही हज कर सकते हैं। इस बात की तसदीक़ सऊदी हुक्काम ने भी की है। मिस्री वज़ीर सयाहत-ओ-नवादिरात अहमद ईसा ने कहा, इस साल हज सीज़न के तरीका-ए-कार पर नज़र रखे हुए हैं। मिस्री आज़मीन-ए-हज्ज को बेहतरीन ख़िदमात फ़राहम की जाएँगी। आज़मीन की देख-भाल और उनके हुक़ूक़ का तहफ़्फ़ुज़ करेंगे। वज़ारत सयाहत का कहना है कि तमाम कंपनियों की इस हवाले से निगरानी जा रही है। अगर ख़िलाफ़वरज़ी साबित हुई तो कंपनी का लाईसेंस मंसूख़ कर दिया जाएगा और जुर्माना भी लगाया जाएगा।
वज़ारत ने तमाम सयाहती कंपनियों से कहा कि वो क़वानीन की पाबंदी करें। मिस्री शहरियों से अपील ककी गई है कि वो गुमराह कुन प्रोपेगंडे में ना आएं। वाज़िह रहे कि सऊदी वज़ारत हज-ओ-उमरा बार-बार ये तंबीया जारी करती है कि सिर्फ हज वीज़े रखने वाले ही हज कर सकते हैं।
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