✅ नई तहरीक : रायपुर
दावते इस्लामी की जानिब से रज़ा हाल, मौदहा पारा में गुजिश्ता दिनों आजमीन-ए-हज का इस्तकबाल किया गया। दावते इस्लामी के निगरां शहजाद अत्तारी ने बताया कि तंजीम की जानिब से हर साल आजमीन-ए-हज का इस्तकबाल किया जाता है।
इस्तकबालिया प्रोग्राम की शुरुआत मनकबत, नात व तकरीर से हुई। मुकर्ररीन ने अरकान-ए-हज के मौजूद पर तफ्सीली बयान किया। मदीने शरीफ़ पर नात व मनकबत पेश की गई जिसके बाद आजमीन-ए-हज की गुलपोशी और उन्हें शरबत व खाना पेश कर उनकी मेहमाननवाजी की गई। इस दौरान मुल्क और रियासत की खुशहाली, तरक्की, हम आहंगी और भाईचारगी के लिए खुसूसी तौर पर दुआएं की गई।
दावतें इस्लामी के महकमा जीएनआरएफ के मोहम्मद शहजाद अत्तारी, मोहम्मद मुख्तार अत्तारी, सैयद कलीम, कासिम भाई, अशरफ भाई, अशफाक भाई और रब्बानी भाई समेत दीगर मेम्बरान ने इस काम को अंज़ाम दिया।