टाईटैनिक के एक मुसाफ़िर की घड़ी 146 मिलियन डालर में बिकी (अजब-गजब)

शव्वाल -1445 हिजरी

हदीस-ए-नबवी ﷺ

'' बाप की खुशनूदी में अल्लाह की रजा और बाप की नाराजगी में अल्लाह का गजब है। '' 

- मिश्कवात (जिल्द 2, सफा 419)

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टाईटैनिक के एक मुसाफ़िर की घड़ी 146 मिलियन डालर में बिकी (अजब-गजब)

✅ न्यूयार्क : आईएनएस, इंडिया 

एक सौ बारह साल कब्ल अपने पहले सफ़र के दौरान डूब जाने वाले टाईटैनिक जहाज़ के अमीर तरीन मुसाफ़िर की लाश के पास से मिलने वाली जेबी घड़ी 1.46 मिलियन डॉलरज़ में नीलाम हुई है। घड़ी को एक अमेरीकी शहरी ने खरीदी। फ़रोख़त करने वाले नीलाम घर ने पेशगोई की थी कि ये 100,000 यूरो से 150,000 यूरो के दरमयान फ़रोख़त होगी। घड़ी की नीलामी की इबतिदाई बोली 60,000 यूरो थी। नीलाम घर को तवक़्क़ो ना थी कि घड़ी इतनी ज़्यादा क़ीमत में फ़रोख़त होगी। बहरहाल इस घड़ी ने टाईटैनिक से मिलने वाली तमाम चीजों की नीलामी के सारे रिकार्ड तोड़ दिए। 
    अप्रैल 1912 में टाईटैनिक डूबने के कई दिन बाद यह घड़ी जहाज के एक मुसाफिर की डेड बाडी के साथ मिली थी। इसके अलावा हीरे की एक अंगूठी, सोने और हीरे के कफ़लिंक्स, पाऊंड और 2,440 डालर भी मिले थे। नीलाम घर के मुताबिक टाईटैनिक जहाज पर सवार मुसाफिरों में यह शख्स सबसे अमीर तरीन मुसाफ़िर के तौर पर जाना जाता है जिसे उस वक्त दुनिया के अमीर तरीन लोगों में शुमार किया जाता था, उनके असासों (संपत्ति) की मजमूई मालियत तक़रीबन 87 मिलियन डालर यानी (आज के हिसाब से कई बिलीयन डालर) के बराबर बनती है। हादसे के बाद मुसाफिर ने कोशिश कर के अपनी हामिला बीवी को आख़िरी लाइफ बोट में बिठा दिया था, जिससे उनकी ज़िंदगी बच गई लेकिन वो ख़ुद डूब कर हलाक हो गए। नीलामी करने वालों ने बताया कि टाईटैनिक से मिलने वाली चीजों के लिए जो सबसे ज़्यादा रक़म आख़िरी बार अदा की गई थी, वह 1.1 मिलियन यूरो थी जो एक वाइलन के लिए अदा की गई थी, जिसे जहाज़ के डूबने के दौराम बजाया गया था। ये वाइलन भी इसी नीलाम घर ने फ़रोख़त किया था। 

स्टाक ट्रेडिंग में सौ फ़ीसद मुनाफ़ा के लालच में एक स्टूडेंट गवां बैठा एक करोड़ रुपए

हैदराबाद : तेलंगाना में साइबर फ्राड करने वाले ने एक तालिबे इल्म से एक करोड़ रुपय ठग लिए। मालूमात के मुताबिक़ तालिबे इल्म को कोरोना के दौर में स्टाक मार्केट में दिलचस्पी पैदा हो गई थी। उसका फ़ायदा उठाते हुए साइबर फ्राड ने उसे अपने जाल में फंसा लिया। हैदराबाद साइबर क्राईम पुलिस ने जुमा को शिकायत मिलने पर केस दर्ज कर तहक़ीक़ात शुरू की है। 
    पुलिस के मुताबिक़ तालिबे इल्म को कोरोना के दौरान स्टाक मार्केट में दिलचस्पी पैदा हो गई थी। उसी बीच उसने एक कंपनी के बारे में फेसबुक पर एक पोस्ट देखी और उसके लिंक पर क्लिक कर दिया। कुछ देर में उसे कंपनी की तरफ़ से एक वाट्स एप्प मैसेज मिला जिसमें कहा गया कि कंपनी उसे स्टाक ट्रेडिंग में सौ फ़ीसद मुनाफ़ा देगी और सरमायाकारी (इन्वेस्ट) में उसकी मदद करेगी। मुतास्सिरा ने साइबर मुजरिम की तरफ़ से दी गई मालूमात को सच मानते हुए अपनी दरख़ास्त के मुताबिक़ अपना आधार और पैन कार्ड नंबर कंपनी को दि दिया। उसके बाद तालिबे इल्म ने उसे गुजिश्ता साल नवंबर में रक़म भेजना शुरू कर दी। शुरू में उसने काफ़ी मुनाफ़ा कमाया। लेकिन बाद में उसे रिटर्न मिलना बंद हो गया। इस सिलसिले में जब उसने कंपनी से बात की तो उसे कहा गया कि उसकी रक़म हर क़ीमत पर वापस की जाएगी बशर्त ये कि वह लेनदेन बंद ना करे। 
    उसके बाद मुतास्सिरा ने अपने और उसके वालदैन की बचाई हुई रक़म भी कंपनी में भेज दी। इस तरह मुजरिमों ने उससे एक करोड़ रुपय की धोका दही की। जब तालिबे इल्म को इस बात का इल्म हुआ तो उसने पुलिस से शिकायत की और फ़ौरी तौर पर मुताल्लिक़ा बैंकों को इत्तिला दी। पुलिस ने साइबर क्राईम से बचने के लिए लोगों से अलर्ट रहने की अपील की है। पुलिस ने कहा किसी भी नामालूम शख़्स की तरफ़ से भेजे गए लिंक या किसी पेशकश से मुताल्लिक़ लिंक पर क्लिक ना करें न ही किसी के साथ अपना आधार, पैन कार्ड और ओटीपी वग़ैरा शेयर ना करें।

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