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गाजा में जंग के 100 दिन, दागदार हो रही इन्सानियत : अक़वाम-ए-मुत्तहिदा

गाजा में जंग के 100 दिन, दागदार हो रही इन्सानियत : अक़वाम-ए-मुत्तहिदा

न्यूयार्क : आईएनएस, इंडिया

अक़वाम-ए-मुत्तहिदा (संयुक्त राष्ट्र) ने गाजा में जंग के 100 दिन मुकम्मल होने पर एक बयान में कहा है कि ये जंग 'इन्सानियत को दागदार कर रही है। फ़्रांसीसी न्यूज एजेंसी के मुताबिक़ सनीचर को गाजा की पट्टी का दौरा करते हुए फ़लस्तीनी पनाह गज़ीनों के लिए अक़वाम-ए-मुत्तहिदा के इदारे के सरबराह (मुखिया) ने कहा कि गुजिश्ता 100 दिनों की बड़े पैमाने पर मौतें, तबाही, बेघरी, नुक़्सान और भूखमरी इन्सानियत को दागदार कर रही है। उन्होंने ख़बरदार किया कि गाजा में बच्चों की एक पूरी नसल सदमे का शिकार हो रही है, बीमारीयां फैल रही हैं और वक़्त तेज़ी से क़हत की तरफ़ बढ़ रहा है। 
    ये जंग सात अक्तूबर को उस वक़्त शुरू हुई, जब हम्मास के अस्करीयत पसंदों ने गाजा की पट्टी से इसराईल पर हमला किया जिसके नतीजे में तक़रीबन एक हज़ार 140 अफ़राद हलाक हुए जिनमें ज़्यादा-तर आम शहरी हैं। हम्मास, जिसे अमरीका और योरपी यूनीयन की तरफ़ से एक दहश्तगर्द ग्रुप समझा जाता है, ने तक़रीबन 250 अफ़राद को यरग़माल (बंदी) बनाया। इसराईल ने गाजा की अस्करीयत पसंद तंज़ीम को तबाह करने का ऐलान करते हुए बमबारी का सिलसिला शुरू कर रखा है जिसमें वज़ारत-ए-सेहत के ताज़ा-तरीन आदाद-ओ-शुमार के मुताबिक़ जंग से कम अज़ कम 23 हज़ार 843 अफ़राद हलाक हो चुके हैं जिनमें ज़्यादा-तर ख़वातीन और बच्चे हैं। इसराईली मुहासिरे (घेराव) की वजह से गाजा में ख़ुराक, पानी, दवाईयां और ईंधन की शदीद क़िल्लत है और सेहत का निज़ाम तबाह हो रहा है। 
    हेग में क़ायम बैन-उल-अक़वामी अदालत इन्साफ़ ने रवां हफ़्ते जुनूबी अफ़्रीक़ा की जानिब से शुरू किए गए एक मुक़द्दमे में दलायल सुने, जिसका गाजा के रिहायशियों ने खैरमक़दम किया। आलमी अदालत इन्साफ़ में जुनूबी अफ़्रीक़ा की तरफ़ से दायर किए गए मुक़द्दमे में इसराईल पर 1948 के नसल कुशी कनवेनशन की ख़िलाफ़वरज़ी का इल्ज़ाम आइद किया गया है। ये कनवेनशन होलो कास्ट में यहूदीयों के बड़े पैमाने पर कत्ल के तनाज़ुर में नाफ़िज़ किया गया था, जो तमाम ममालिक को इस बात को यक़ीनी बनाने का हुक्म देता है कि ऐसे जराइम कभी ना हों। जुनूबी अफ़्रीक़ा ने आलमी अदालत इन्साफ़ से मुतालिबा किया है कि वो इसराईल को गाजा में फ़ौजी ऑप्रेशन को फ़ौरी तौर पर मुअत्तल करने का हुक्म दे। हालांकि इसराईली वज़ीर-ए-आज़म बेजामिन नेतन्याहू ब-ज़िद हैं कि कोई भी अदालत या फ़ौजी दुश्मन इसराईल को हम्मास को तबाह करने के अपने मक़सद को हासिल करने से नहीं रोक सकता। उन्होंने प्रेस कान्फेरंस में लेबनान, शाम, इराक़ और यमन में ईरान के साथ मुंसलिक मुज़ाहमत ग्रुपों का हवाला देते हुए कहा कि हमें कोई नहीं रोक सकता। ना हेग और ना कोई और। उन्होंने मज़ीद कहा कि 'कामयाब होने तक जंग-ए-जारी रहना मुम्किन और ज़रूरी है और हम ये करेंगे।

इस्तंबूल में हज़ारों अफ़राद ने नमाज़-ए-फ़ज्र के बाद इसराईल के खिलाफ किया ज़बरदस्त मुज़ाहरा

इस्तांबूल : गाजा में इसराईल की जंग और इराक़ में कुलअदम कुर्द अस्करीयत पसंदों के हाथों तुर्क फौजियों की हलाकत के ख़िलाफ़ हज़ारों अफ़राद ने गुजिश्ता पीर को इस्ताबूंल में मार्च किया।    न्यूज़ एजैंसी के मुताबिक़ रैली इस्तांबूल की मशहूर मसाजिद ब्ल्यू मस्जिद, आया सोफिया और दीगर में सुबह की नमाज़ के बाद शुरू हुई। मार्च का एहतिमाम एक फ़ाउंडेशन की तरफ़ से किया गया था जिसके अराकीन में सदर रजब तय्यब अर्दोगान के बेटे बिलाल अर्दोगान भी शामिल हैं। तुरका और फ़लस्तीनी पर्चम लहराते हुए बासफ़ोर्स पर वाके गालता पुल पर होने वाले इस मुज़ाहिरे में शरीक अफ़राद 'क़ातिल इसराईल, फ़लस्तीन से निकल जाओ और 'अल्लाहु-अकबर के नारे लगा रहे थे। तुरकिया की सरकारी न्यूज़ एजेंसी ने रिपोर्ट किया है कि रैली में शामिल हज़ारों मुज़ाहिरीन हमारे शहीदों के लिए रहमत और इसराईल पर लानत के नारे भी लगा रहे थे। 
    वाजेह रहे कि तुरकिया के सदर रजब तय्यब अर्दोगान, हम्मास की 7 अक्तूबर को सरहद पार से होने वाली कार्रवाई के रद्द-ए-अमल में होने वाली ग़ज़ा में तबाही और हज़ारों हलाकतों पर इसराईल पर कई बार तन्क़ीद कर चुके हैं। अर्दोगान ने इसराईल पर 'रियास्ती दहश्तगर्दी का इल्ज़ाम लगाते हुए कहा है कि इसराईली वज़ीर-ए-आज़म नेतन्याहू एडोल्फ हिटलर से 'मुख़्तलिफ़ नहीं। गाजा की पट्टी पर इसराईली हमलों में वज़ारत-ए-सेहत के मुताबिक़ कम अज़ कम 21 हज़ार 800 से ज़ाइद अफ़राद हलाक हो चुके हैं जिनमें ख़वातीन और बच्चे भी शामिल हैं। दूसरी जानिब इसराईली फ़ोर्सिज़ का कहना है कि उसके 172 फ़ौजी गाजा के अंदर मारे गए हैं हालांकि अभी तक जंग थमने के कोई आसार नज़र नहीं आ रहे। तुरकिया की फ़ौज के तर्जुमान के मुताबिक़ शुमाली इराक़ में कुर्दिस्तान वर्करज़ पार्टी  की तरफ़ से किए गए दो अलग हमलों में दिसंबर के आख़िर में 12 फ़ौजी मारे गए। 
    इसी बीच शुमाली इराक़ में कुर्दिस्तान वर्करज़ पार्टी के ठिकानों पर तुरकिया बाक़ायदगी से ज़मीनी और फ़िज़ाई कार्यवाहीयां करता है, जिसे अँकरा और उसके मग़रिबी इत्तिहादी दहश्तगर्द ग्रुप समझते हैं। 

लंदन में फ़लस्तीन की आज़ादी के लिए एक-बार फिर मज़ाहिर 

लंदन : लंदन के हज़ारों इंसाफ़ पसंद शहरिययों ने एक मर्तबा फिर फ़लस्तीन की आज़ादी और गाजा में फ़ौरी जंग बंदी के हक़ में लंदन की सड़कों पर ज़बरदस्त मुज़ाहरा किया है। ये मुज़ाहरा गाजा में बदतरीन जंग के 100 दिन होने पर मुनज़्ज़म किया गया। 
    लंदन समेत मग़रिबी मुल्कों के दूसरे कई शहरों में फ़लस्तीन की आज़ादी और ग़ज़ा में इसराईली जारहीयत के नतीजे में बच्चों और फ़लस्तीनी औरतों समेत हज़ारों अफ़राद की हलाकतों के ख़िलाफ़ एहितजाजी मुज़ाहिरे पिछले कई माह से देखने में आ रहे हैं। ख़्याल रहे कि जंग में अब तक 23843 फ़लस्तीनी शहीद हो चुके हैं। उनमें अक्सरीयत ख़वातीन और बच्चों की है। पिछले चौबीस घंटों के दौरान 135 फ़लस्तीनी शहीद और 312 ज़ख़मी हुए। 



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