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फलस्तीन, सूडान, यमन, लीबिया और लेबनान के मौजूदा मसाईल पर मुस्लिम मुमालिक मिलकर करेंगे काम

29 जिल हज्ज, 1444 हिजरी
मंगल, 18 जुलाई, 2023
अकवाले जरीं
‘जो चीज सबसे ज्यादा लोगों को जन्नत में दाखिल करेगी वह खौफ-ए-खुदा और हुस्ने अखलाख है।’
- तिर्मिजी
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उम्मत को दरपेश मसाइल के हल की खातिर मुस्लिम मुमालिक का तारीखी इत्तेफाक राय

रियाद : आईएनएस, इंडिया 
अरब लीग ने अपने 32 वीं सरबराही इजलास (शिखर सम्मेलन) का इखतताम (समापन) ऐलान जद्दा की मंजूरी के साथ किया जिसमें सलामती और इस्तिहकाम (स्थिरता) के हुसूल के लिए इत्तिहाद की जरूरत का इआदा किया गया। 
Muslim leaders will work together on the current issues of Palestine, Sudan, Yemen, Libya and Lebanon

    ये सरबराही इजलास जिसमें मसला फलस्तीन, सूडान, यमन, लीबिया और लेबनान की पेश-रफ़्त समेत मुख़्तलिफ मौजूआत पर तबादला-ए-ख़्याल किया गया, जुमा के रोज जुदा में मुनाकिद इजलास में शाम ने एक दहाई से जाइद अर्से के बाद पहली बार शिरकत की। ऐलानिये (घोषणा) में तमाम अरब ममालिक ने फलस्तीन मसला पर बात की और बैतुल-मुकद्दस समेत 1967 में इसराईली कब्जे में लिए गए तमाम अरब इलाकों पर फलस्तीन के मुकम्मल इखतियार और हक का इआदा किया। 
    एलानिये में अरब अमन इकदाम (कोशिशों) को फआल (सक्रिय) करने की एहमीयत पर भी जोर दिया गया जिसकी सऊदी अरब ने तजवीज दी थी और अरब लीग ने 2002 में इसकी तौसीक की। 
    इसराईल-फलस्तीनी तनाजा कई महीनों से शिद्दत इखतियार कर रहा है। मकबूजा मगरिबी किनारे में इसराईली फौजी छापे और आबादकारों की जानिब से तशद्दुद की कार्यवाहीयां और फलस्तीनी हमलों में इजाफा हुआ है। जनवरी से अब तक मगरिबी किनारे और इसराईल में 140 से ज्यादा फलस्तीनी शहीद और 19 इसराईली और गैर मुल्की हलाक हो चुके हैं। सूडान की सूरत-ए-हाल के बारे में जहां 15 अप्रैल से फौज और नियम फौजी रैपिड स्पोर्ट फोर्सिज के दरमयान हुई के बारे में ऐलानिये में गैर मुल्की मुदाखलतों को मुस्तर्द (रद्द) किया गया जो तनाजआत को हवा देते हैं, और इलाकाई सलामती और इस्तिहकाम (स्थिरता) को खतरे में डालते हैं, और मुतहारिब फरीकों के दरमयान बातचीत और इत्तिहाद पर-जोर दिया गया। अकवाम-ए-मुत्तहिदा की पनाह गजीन एजेंसी ने जुमा को कहा कि जंग ने सूडान के अंदर एक अंदाजे के मुताबिक 843,000 अफराद को बे-घर कर दिया है और तकरीबन 250,000 शहरी हमसाया ममालिक में पनाह गुजीन होना पड़ा। पिछले हफ़्ते, जददा में दोनों फरीकों के दरमयान अमरीका-सऊदी सालसी में बातचीत और एक मुआहिदे पर दस्तखत से एक मामूली मगर बेहतर पेश-रफ़्त हुई। 

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    अरब लीग ने बरसों की तन्हाई के बाद फोरम में शाम की वापसी का खैर-मक़्दम किया और उम्मीद जाहिर की कि इस इकदाम से शाम के इस्तिहकाम और इत्तिहाद में मदद मिलेगी। ऐलानिये में कहा गया कि हमें शाम के बोहरान (संकट) के हल में मदद के लिए अरब कोशिशों को तेज करना चाहिए। 22 मुल्कों पर मुश्तमिल फोरम ने शाम को नवंबर 2011 में बशीरुल असद के हिजब-ए-इख़्तलाफ के एहतिजाज पर मोहलिक (जानलेवा) क्रैक डाउन की वजह से मुअत्तल कर दिया था, जिसने एक तनाजा की शक्ल इखतियार कर ली थी जिसमें 500,000 से ज्यादा अफराद हलाक और लाखों बे-घर हो गए थे। लेबनान के हवाले से, एलानिये में हुक्काम पर-जोर दिया गया कि वो सदर के इंतिखाब के लिए कोशिशें दुबारा शुरू करें, जल्द से जल्द काबीना तशकील दें और मौजूदा बोहरान पर काबू पाने के लिए इकतिसादी इस्लाहात (आर्थिक सुधार) करें। 
    लेबनान 2019 से मआशी बोहरान में फंसा हुआ है, जिसे आलमी बैंक ने जदीद तारीख (आधुनिक दौर) के बदतरीन बोहरानों में से एक करार दिया है। इंतिखाबात में नए सदर के इंतिखाब के लिए किसी भी फरीक को वाजेह अक्सरीयत ना मिलने के बाद महदूद इख़्तयारात के साथ निगरां काबीना गुजिश्ता साल मई से इकतिदार में है। ब्लॉक ने अरब ममालिक के अंदरूनी मुआमलात में गैर मुल्की मुदाखिलत को मुस्तर्द करने का भी इजहार किया। मुशतर्का एलानिये (सा­ाा घोषणा) में कहा गया कि, हम मुसल्लह (हथियारबंद) मलेशियाओं की तशकील की हिमायत को मुकम्मल तौर पर मुस्तर्द करते हैं और खबरदार करते हैं कि अंदरूनी फौजी तनाजआत लोगों के मसाइब में इजाफा ही करेंगे।


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