अदालत में अर्जी दाखिल, कोर्ट ने जवाब तलब किया
नई दिल्ली : आईएनएस, इंडिया
ऐसा लगता है कि कुछ अनासिर मंदिर, मस्जिद का झगड़ा चलते रहने देना चाहते हैं। यही वजह है कि मथुरा और काशी का तनाजा खड़ा किया गया। अब कुतुब मीनार में मौजूद तारीखी मस्जिद कुव्वत उल इस्लाम पर भी इन अनासिर की निगाह पड़ गई है। साकेत जिलाई अदालत ने एक नोटिस जारी करते हुए मर्कजी हुकूमत से एक अर्जी पर जवाब तलब किया है, जिसमें दावा किया गया है कि कुतुब मीनार कांप्लेक्स में 27 हिंदू और जैन मंदिरों को मुनहदिम करके कुव्वतुल इस्लाम मस्जिद बनाई गई थी। डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने ये नोटिस सिविल जज के हुक्म को चैलेंज करने वाली दरखास्त पर जारी किया है। सिविल जज ने दरखास्त खारिज कर दी है। एडीजे पूजा तलवार ने दरखास्त गुजार के वकील विष्णु शंकर जैन के दलायल सुनने के बाद मर्कजी हुकूमत की वजारते सकाफत, आरक्योलोजीकल सर्वे आफ इंडिया के डायरेक्टर जनरल और दिल्ली सर्किल को नोटिस जारी करते हुए जवाब तलब किया है। ये दरखास्त विष्णु और जैन देवताओं की जानिब से दायर की गई है जिनके मंदिरों को मुनहदिम किया गया था। मुआमले में जैन देवताओं और भगवान विष्णु के वकील विष्णु शंकर जैन ने दलील दी है कि इसमें कोई तनाजा नहीं है कि मंदिरों को गिराया गया था, इसलिए उसे साबित करने की जरूरत नहीं। हम 800 साल से जाइद अर्से से अजीयत में मुबतला हैं, अब हम पूजा का हक मांग रहे हैं जो कि हमारा बुनियादी हक है। एएसआई एक्ट 1958 के सेक्शन 18 के मुताबिक इबादत का हक महफूज यादगारों में भी दिया जा सकता है।
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