जिला एनएसयूआई द्वारा सोमवार की सुबह छत्तीसगढ़ के प्रदेश उपाध्यक्ष सोनू साहू के आदेशानुसार छात्र नेता आकाश कनोजिया, अमन दुबे एवं राहुल के नेतृत्व मे कोरोना प्रकोप को देखते हुए शैक्षणिक सत्र 2021-22 की परीक्षा आॅनलाइन मोड में लिए जाने के संबंध में हेमचंद यादव विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी तथा ओमीक्क्रोम का संक्रमण कम हुआ है लेकिन पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है, जिसका डर अभी भी छात्र छात्राओं तथा उनके पालकों को है जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। इसके अलावा आॅनलाइन पढ़ाई के दौरान अनेक छात्र नेटवर्क की समस्या से भी परेशान रहे। यही नहीं, कई छात्र स्मार्ट फोन के अभाव में पढ़ाई से वंचित रहे। कोरोना की वजह से कक्षाएं केवल दो माह लगी है। उसमे भी कभी चुनाव तो कभी ठंड की छुट्टी के कारण ठीक से पढ़ाई नहीं हो पाई। एनएसयूआई का कहना है कि आनलाईन कक्षाएं हुई है तो परीक्षा भी आॅनलाइन पद्धति से ही होनी चाहिए क्योंकि हमने तैयारी आॅनलाइन के मध्यम से की है। वर्तमान में कोरोना के प्रकोप को देखते हुए भी छात्र-छात्रा एवं उनके पालकों में भय व्याप्त है। आॅनलाइन क्लास नेटवर्क प्रॉब्लम के कारण छात्र-छात्राओं की उपस्थिति नगण्य रहती थी। जिसकी वजह से कक्षा कैंसिल कर दी जाती थी। यही वजह है कि सिलेबस कंप्लीट नहीं हुआ है। ज्ञापन के माध्यम से एनएसयूआई ने यूनिवर्सिटी के कुलपति के नाम आॅनलाइन परीक्षा कराने के लिए ज्ञापन सौंपा गया। इस मौके पर कॉलेज के विद्यार्थी राहुल सोनकर, गौरव संस्कार, अमित यादव, अनमोल कुणाल, अमित कुर्रे, अमित साहू, संस्कार नागेश पांडे, गौरव, आशीष, साक्षी, प्रिया, योगिता, काजल, कुशनूर, अर्चना, अन्नू, ट्विंकल, निशांत वर्मा एवं अनेक छात्र-छात्राएं व एनएसयूआई के रवि साहू गोल्डी, हरीश देवांगन, राज देवांगन, राकेश सिन्हा, राहुल यादव एवं अन्य कार्यकर्ता उपस्थित रहे। पदाधिकारियों ने कहा कि यदि उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया जाता है तो वे उग्र आंदोलन को बाध्य होंगे।
जिला एनएसयूआई द्वारा सोमवार की सुबह छत्तीसगढ़ के प्रदेश उपाध्यक्ष सोनू साहू के आदेशानुसार छात्र नेता आकाश कनोजिया, अमन दुबे एवं राहुल के नेतृत्व मे कोरोना प्रकोप को देखते हुए शैक्षणिक सत्र 2021-22 की परीक्षा आॅनलाइन मोड में लिए जाने के संबंध में हेमचंद यादव विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में उन्होंने कहा कि वर्तमान में वैश्विक महामारी तथा ओमीक्क्रोम का संक्रमण कम हुआ है लेकिन पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है, जिसका डर अभी भी छात्र छात्राओं तथा उनके पालकों को है जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। इसके अलावा आॅनलाइन पढ़ाई के दौरान अनेक छात्र नेटवर्क की समस्या से भी परेशान रहे। यही नहीं, कई छात्र स्मार्ट फोन के अभाव में पढ़ाई से वंचित रहे। कोरोना की वजह से कक्षाएं केवल दो माह लगी है। उसमे भी कभी चुनाव तो कभी ठंड की छुट्टी के कारण ठीक से पढ़ाई नहीं हो पाई। एनएसयूआई का कहना है कि आनलाईन कक्षाएं हुई है तो परीक्षा भी आॅनलाइन पद्धति से ही होनी चाहिए क्योंकि हमने तैयारी आॅनलाइन के मध्यम से की है। वर्तमान में कोरोना के प्रकोप को देखते हुए भी छात्र-छात्रा एवं उनके पालकों में भय व्याप्त है। आॅनलाइन क्लास नेटवर्क प्रॉब्लम के कारण छात्र-छात्राओं की उपस्थिति नगण्य रहती थी। जिसकी वजह से कक्षा कैंसिल कर दी जाती थी। यही वजह है कि सिलेबस कंप्लीट नहीं हुआ है। ज्ञापन के माध्यम से एनएसयूआई ने यूनिवर्सिटी के कुलपति के नाम आॅनलाइन परीक्षा कराने के लिए ज्ञापन सौंपा गया। इस मौके पर कॉलेज के विद्यार्थी राहुल सोनकर, गौरव संस्कार, अमित यादव, अनमोल कुणाल, अमित कुर्रे, अमित साहू, संस्कार नागेश पांडे, गौरव, आशीष, साक्षी, प्रिया, योगिता, काजल, कुशनूर, अर्चना, अन्नू, ट्विंकल, निशांत वर्मा एवं अनेक छात्र-छात्राएं व एनएसयूआई के रवि साहू गोल्डी, हरीश देवांगन, राज देवांगन, राकेश सिन्हा, राहुल यादव एवं अन्य कार्यकर्ता उपस्थित रहे। पदाधिकारियों ने कहा कि यदि उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया जाता है तो वे उग्र आंदोलन को बाध्य होंगे।