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सुनहरे तारों से कलमा शरीफ लिखा परचम 3 मार्च को होगा बुलंद

 सरवाड़ शरीफ में उर्स की तैयारियां जारी
कादरी परिवार ने की ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह की जियारत


मोहम्मद हासम अली

अजमेर : हजरत ख्वाजा फखरुद्दीन चिश्ती सरवाड़ी रहमतुल्लाह अलैह के उर्स मुबारक का झंडा 3 मार्च को सरवाड़ शरीफ दरगाह के बुलंद दरवाजा पर पेश किया जाएगा। सोने से अरबी जबान में कलमा लिखे इस परचम को मुम्बई के पीरे तरीकत अब्दुल मन्नान शेख कादरी चिश्ती अपने हाथों से पेश करेंगे। झंडे की रस्म के वक़्त फुखरा, मस्तान और कलंदरो समेत भारी तादाद में जायरीन मौजूद रहेंगे। झंडे की रस्म अदायगी से कब्ल अब्दुल मन्नान अपने परिवार के साथ हजरत ख्वाजा गरीब नवाज की बारगाह में हाजरी देने पहुंचे। दरगाह के खादिम सैय्यद आरिफ हुसैन उस्मानी अशरफी चिश्ती ने मुम्बई से आए डेलिगेशन को जियारत कराई। अब्दुल मन्नान शेख ने बताया कि बाबा फखरुद्दीन चिश्ती सरवाड़ी की बारगाह में उन्हें हमेशा खिदमत का मौका मिला है यही वजह है कि इस्लामी तारीख 29 रजब को हर साल सरवाड़ दरगाह के 101 फीट बुलंद दरवाजे पर उर्स का झंडा पेश करते आ रहे हैं। गौरतलब है कि अब्दुल मन्नान शेख ने सरवाड़ दरगाह में मुगल बादशाहों की तर्ज पर वजू खाना, महफिल खाना, एक बड़ा दालान और बुलंद दरवाजा समेत दीगर तामिरी काम करवाए हैं। बाबा फखर रहमतुल्लाह अलैह की दरगाह में हाजरी देने वाले जायरीन के लिए 101 फीट ऊंचा बुलंद दरवाजा भी उनकी दिलचस्पी का मर्कज बना हुआ है। अब्दुल मन्नान शेख के साथ आफताब शेख और उनके बेटे मोहम्मद आतिफ आफताब शेख ने भी सरवाड़ दरगाह में हाजरी दी और झंडे की रस्म से कब्ल बुलंद दरवाजे का जायजा लिया। बाबा फखरुद्दीन चिश्ती अजमेर वाले हजरत ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती के बड़े साहबजादे हंै जिनकी दरगाह सरवाड़ कस्बे में हैं, जहां 3 मार्च से उर्स का आगाज होगा और लाखों जायरीन शिरकत करेंगे। दरगाह के मुतवल्ली हाजी मोहम्मद यूसुफ खान के मुताबिक उर्स में जायरीन के लिए माकूल इंतजाम किए गए हंै। 

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